समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,24 फरवरी। भारत में लंबे समय से हिंदू विरोधी मानसिकता को बढ़ावा देने वाली शक्तियां सक्रिय रही हैं। कुछ राजनीतिक दल और विदेशी ताकतें मिलकर हिंदू समाज की एकता को खंडित करने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन वे शायद यह भूल गए हैं कि हजारों साल की गुलामी के बावजूद सनातन धर्म अडिग और अजेय बना रहा है।
आज हिंदू समाज पहले से अधिक संगठित, जागरूक और सशक्त है। मुगल आक्रमणकारियों और अंग्रेजों के छल-प्रपंच भी जिस हिंदू समाज की जड़ों को हिला नहीं पाए, उसे अब मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति और हिंदू विरोधी साजिशें भला क्या नुकसान पहुंचा सकती हैं?
महाकुंभ को रोकने की साजिशें विफल
कुछ षड्यंत्रकारियों ने महाकुंभ को बदनाम करने और श्रद्धालुओं के मन में डर बैठाने की तमाम कोशिशें कीं। लेकिन यह हिंदू समाज की शक्ति ही है कि मात्र 42 दिनों में आधे से अधिक श्रद्धालु कुंभ में स्नान कर चुके हैं। अब भी एक अमृत स्नान और दो महत्वपूर्ण स्नान बाकी हैं।
श्रद्धालुओं की संख्या एक करारा जवाब
महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालु यह साबित कर चुके हैं कि हिंदू समाज किसी भी दुष्प्रचार और भय फैलाने वाले षड्यंत्रों से प्रभावित नहीं होता। महाकुंभ की यह ऐतिहासिक उपस्थिति हिंदू विरोधी नेताओं और संगठनों के गाल पर करारा तमाचा है।
अब हिंदू समाज से क्षमा मांगें!
महाकुंभ के तीन दिन शेष हैं, और यह समय हिंदू विरोधी ताकतों के लिए आत्ममंथन और पश्चाताप का है। उन्हें प्रयागराज की पावन धरा और मां गंगा, यमुना व सरस्वती की त्रिवेणी से क्षमा याचना करनी चाहिए। अन्यथा भारत की धर्मप्रेमी जनता जानती है कि उनके साथ क्या करना है।
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