सिर्फ 7 साल की नौकरी: पूर्व सिपाही के घर से 2.85 करोड़ कैश, चांदी की सिल्लियां, और लग्जरी SUV बरामद

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,20 दिसंबर।
मध्य प्रदेश के एक पूर्व सिपाही के घर पर छापेमारी के दौरान मिली संपत्ति ने सबको हैरान कर दिया। सिर्फ 7 साल की नौकरी करने वाले इस सिपाही के पास इतनी संपत्ति कैसे आई, यह एक बड़ा सवाल बन गया है। इस छापेमारी में अधिकारियों ने ₹2.85 करोड़ नकद, चांदी की सिल्लियां, चार लग्जरी SUV, और नोट गिनने की मशीनें बरामद की हैं।

कैसे हुई छापेमारी?

इस पूर्व सिपाही के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में शिकायत दर्ज की गई थी। राज्य के लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई करते हुए छापा मारा। जांच टीम को घर में भारी मात्रा में नकदी और संपत्ति के अन्य साक्ष्य मिले।

छापे के दौरान क्या-क्या मिला?

  1. ₹2.85 करोड़ नकद: घर के अंदर कई स्थानों से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई। नोट गिनने की मशीनों का इस्तेमाल करके इसे गिना गया।
  2. चांदी की सिल्लियां: कुल वजन लगभग 5 किलोग्राम बताया जा रहा है।
  3. लग्जरी वाहन: चार महंगी SUVs जिनमें से एक डिस्कवरी जैसी हाई-एंड गाड़ी है।
  4. आभूषण: सोने और चांदी के आभूषण भी बड़ी मात्रा में मिले।
  5. बैंक खातों में भारी जमा: जांच में यह भी पाया गया कि कई बैंक खातों में बड़ी रकम जमा की गई है।

पूर्व सिपाही का रिकॉर्ड

इस पूर्व सिपाही ने सिर्फ 7 साल तक पुलिस विभाग में नौकरी की थी, लेकिन उसकी जीवनशैली और संपत्ति अधिकारियों को लंबे समय से संदिग्ध लग रही थी। सिपाही को नौकरी से पहले ही भ्रष्टाचार के आरोपों में बर्खास्त कर दिया गया था।

आय के स्रोत पर सवाल

छापेमारी के बाद यह सवाल उठ रहा है कि इतनी संपत्ति सिपाही ने कहां से जुटाई? प्राथमिक जांच में पता चला है कि वह कई अवैध गतिविधियों में लिप्त था, जिसमें स्थानीय स्तर पर दलाली और अवैध लेन-देन शामिल हैं।

जनता की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर इस खबर ने हड़कंप मचा दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि एक साधारण सरकारी कर्मचारी के पास इतनी संपत्ति कैसे हो सकती है। यह घटना सरकारी सिस्टम में मौजूद भ्रष्टाचार को उजागर करती है।

सरकार और पुलिस का बयान

लोकायुक्त पुलिस ने कहा है कि यह मामला गंभीर है और सभी स्रोतों की गहन जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि इस सिपाही के नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों पर भी कार्रवाई हो सकती है।

निष्कर्ष

यह घटना सरकारी विभागों में छिपे भ्रष्टाचार और काले धन के उपयोग की सच्चाई को उजागर करती है। ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई न केवल जरूरी है, बल्कि यह समाज में एक कड़ा संदेश भी देता है। आने वाले दिनों में इस छापेमारी से जुड़े और खुलासे होने की संभावना है।

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