समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21 जून: ईरान और इजरायल के बीच छिड़ी जंग के चलते मध्य पूर्व एक बार फिर संकट के मुहाने पर खड़ा है। दोनों देश लगातार एक-दूसरे पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं। इस तनावपूर्ण माहौल में बड़ी संख्या में आम नागरिक और विदेशों से आए छात्र व कामगार वहां फंसे हुए हैं। भारत ने इस संकट में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ शुरू किया, जिसे अब अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहयोग का रूप देते हुए और विस्तार दिया जा रहा है।
ऑपरेशन सिंधु में नेपाल और श्रीलंका को भी मिली जगह
तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर घोषणा करते हुए बताया कि अब इस ऑपरेशन के तहत नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी सुरक्षित निकाला जाएगा। यह फैसला दोनों देशों के औपचारिक अनुरोध और भारत की सहमति के बाद लिया गया है। दूतावास ने कहा कि भारत क्षेत्रीय सहयोग और मानवता की भावना के तहत यह कदम उठा रहा है।
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On request of the Governments of Nepal and Sri Lanka, the Indian Embassy’s evacuation efforts in Iran will also cover Citizens of Nepal and Sri Lanka. https://t.co/eHIOhmNN7M— India in Iran (@India_in_Iran) June 21, 2025
हमले और तनाव के बीच नागरिकों का रेस्क्यू मिशन
इससे पहले भारत ने शनिवार सुबह एक विशेष विमान के ज़रिए ईरान में फंसे कई भारतीय नागरिकों को अश्गाबात (तुर्कमेनिस्तान) होते हुए नई दिल्ली लाया। इसके साथ ही शुक्रवार देर रात ईरान द्वारा एयरस्पेस खोले जाने के बाद 290 भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाला गया, जिनमें अधिकांश छात्र जम्मू-कश्मीर से थे। सरकार की इस त्वरित प्रतिक्रिया की व्यापक सराहना हो रही है।
ईरान-इजरायल संघर्ष में बेकसूरों की जान
ऑपरेशन लायन के तहत इजरायल द्वारा की गई बमबारी और ईरान के जवाबी मिसाइल हमलों के चलते अब तक कई आम नागरिकों की जान जा चुकी है। युद्ध की आग में घिरे इलाकों में हजारों लोग जान बचाकर शरण की तलाश में हैं। इसी भयावह स्थिति के बीच भारत ने जिस फुर्ती और समर्पण के साथ राहत मिशन को अंजाम दिया है, वह उसकी वैश्विक भूमिका और मानवीय कूटनीति को और मजबूती देता है।
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