ऑपरेशन सिंदूर के बाद गृहमंत्री अमित शाह का जम्मू-कश्मीर दौरा, आतंकवाद पर सख्त संदेश और पीड़ित परिवारों को नियुक्ति पत्र
समग्र समाचार सेवा,
श्रीनगर, 30 मई: ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश की सुरक्षा और रणनीतिक नीति को स्पष्ट करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने पहले दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर पहुंचे। यह दौरा न केवल सामरिक दृष्टि से अहम रहा, बल्कि मानवता, राहत और सुरक्षा नीति के तीन प्रमुख संदेश लेकर आया।
गुरुवार को श्रीनगर में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें सुरक्षा बलों, खुफिया एजेंसियों और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में शाह ने सुरक्षा की मौजूदा स्थिति पर फीडबैक लिया और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का निर्देश दिया।
गोलाबारी पीड़ितों को सौंपे नियुक्ति पत्र
दौरे के दूसरे दिन, यानी शुक्रवार को गृहमंत्री ने पाकिस्तान की गोलाबारी में मारे गए नागरिकों के परिजनों को सरकारी नियुक्ति पत्र सौंपे। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने भावुकता के साथ कहा, “मुआवजा और नौकरी आपके जीवन की क्षति की भरपाई नहीं कर सकते, लेकिन यह संकेत है कि पूरा देश आपके साथ चट्टान की तरह खड़ा है।”
शाह ने भारतीय सेना की वीरता की सराहना करते हुए कहा कि हमारी सेना ने हर आतंकी हमले का करारा जवाब दिया है और आतंकवाद को जवाब देना अब सरकारी नीति का हिस्सा बन चुका है।
पाकिस्तान को कड़ा संदेश
गृहमंत्री ने अपने भाषण में पाकिस्तान को सीधे तौर पर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने धार्मिक स्थलों और नागरिक इलाकों को निशाना बनाकर मानवता को शर्मसार किया है। इसके विपरीत, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत सिर्फ आतंकियों और उनके ठिकानों को निशाना बनाया, आम नागरिकों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया गया।
उन्होंने कहा, “हमारी सेना सटीकता से हमला करने में सक्षम है और हमने यह दुनिया को दिखा भी दिया है।” इसके साथ ही शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अब किसी भी आतंकी हरकत को सहन नहीं करेगा, और हर हमले का उससे भी कठोर जवाब देगा।
पहलगाम हमले का जवाब बना ऑपरेशन सिंदूर
गृहमंत्री ने पहलगाम में निर्दोष तीर्थयात्रियों पर हुए आतंकी हमले की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्पष्ट निर्देश हैं कि हर आतंकी हमले का सख्त जवाब दिया जाए। इसी नीति के तहत भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों को तबाह किया।
उन्होंने कहा, “यह केवल जवाब नहीं था, यह एक संदेश था – भारत अब चुप नहीं रहेगा, भारत अब चुपचाप सहन नहीं करेगा।”
विकास की रफ्तार जारी रखने का भरोसा
गृहमंत्री शाह ने जम्मू-कश्मीर के विकास पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2014 से शुरू हुई विकास यात्रा तेज गति से आगे बढ़ रही है और आगे भी इसी गति से जारी रहेगी। आतंकवाद से लड़ते हुए शांति, रोजगार और निवेश के नए द्वार खोले जाएंगे।
उन्होंने दोहराया कि आतंकवाद और अलगाववाद को जड़ से उखाड़ फेंकना अब सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके साथ-साथ नागरिकों की सुरक्षा और समृद्धि को भी सुनिश्चित किया जाएगा।
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