समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30 जून: भारतीय वायुसेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान कथित एयरक्राफ्ट नुकसान का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। इंडोनेशिया में तैनात भारतीय रक्षा अताशे कैप्टन शिवकुमार ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारत ने कुछ एयरक्राफ्ट राजनीतिक प्रतिबंधों के चलते गंवाए। उनके मुताबिक अगर उस वक्त राजनीतिक नेतृत्व ने सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले की अनुमति दी होती तो नतीजा कुछ और होता।
कैप्टन शिवकुमार ने कहा कि हार के बाद रणनीति बदली गई और दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया गया। उन्होंने बताया कि इसके बाद सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और ब्रह्मोस जैसे हथियारों का इस्तेमाल कर प्रभावी कार्रवाई की गई।
कांग्रेस ने साधा केन्द्र पर निशाना
कैप्टन शिवकुमार के इस बयान ने विपक्ष को बड़ा मौका दे दिया। कांग्रेस ने तुरंत एक्स पर पोस्ट कर केन्द्र सरकार पर हमला बोल दिया। कांग्रेस ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि राजनीतिक नेतृत्व की वजह से भारतीय वायुसेना को नुकसान झेलना पड़ा। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पूरे मामले पर जवाब देने की मांग करते हुए कई सवाल दागे।
कांग्रेस ने पूछा कि आखिर क्यों प्रधानमंत्री विपक्ष को सच्चाई बताने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने से इंकार कर रहे हैं? संसद का विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया गया? और आखिर सरकार इस पूरे मामले में क्या छिपा रही है?
'राजनैतिक नेतृत्व की लगायी बाध्यताओं के कारण भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाकू विमान गंवाए हैं'
– ये बात भारतीय नौसेना के अधिकारी कैप्टन शिव कुमार ने कही है
इससे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने भी ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय फाइटर जेट के गिरने की बात कही…
— Congress (@INCIndia) June 29, 2025
CDS अनिल चौहान भी दे चुके हैं इशारा
कांग्रेस ने दावा किया कि इससे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान भी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय लड़ाकू विमानों के गिरने की बात कह चुके हैं। विपक्ष का कहना है कि ऑपरेशन के साथ-साथ सीजफायर से जुड़े कई पहलुओं पर अब भी पर्दा डाला जा रहा है।
सियासी गरमाहट बढ़ी
कैप्टन शिवकुमार के बयान के बाद से ही सियासी हलकों में हलचल तेज है। कांग्रेस इस बयान को जनता के बीच ले जाने की तैयारी में है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा संसद से लेकर सड़क तक छाया रह सकता है। अब सबकी नजर केन्द्र सरकार और बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया पर टिकी है।
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