ऑपरेशन सिंदूर पर पीएम-रक्षा मंत्री की चुप्पी पर कांग्रेस का हमला, सांसद बोले- सेना को क्यों बोलना पड़ा?

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर: कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने शनिवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चुप्पी ने सरकार की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर और आतंकी मुद्दों पर संसद में बयान देने के बजाय सेना के अधिकारियों को सामने आना पड़ा, जिससे यह संकेत मिलता है कि सरकार की विश्वसनीयता कमजोर हुई है।

कांग्रेस का आरोप: “सरकार की साख पर संकट”

सुखदेव भगत ने कहा:

“आर्मी चीफ का बयान आ रहा है लेकिन प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री संसद में खामोश हैं। सेना को हस्तक्षेप करना पड़ा क्योंकि सरकार पर विश्वास का सवाल उठ गया। प्रधानमंत्री एक जटिलता में हैं। अगर वर्दी में कोई व्यक्ति बयान देता है, तो यह पीएम की विश्वसनीयता को कम करता है और यह लगातार गिर रही है।”

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर प्रधानमंत्री आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ होते, तो भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच क्यों खेला गया। उन्होंने आरोप लगाया कि होटल्स में ‘ब्लाइंड कॉल्स’ जैसी घटनाएं अब भी चिंता का विषय हैं।

सेना प्रमुख का पाकिस्तान को कड़ा संदेश

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि यदि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा तो ऑपरेशन सिंदूर 2.0 में भारत पिछली बार की तरह संयम नहीं दिखाएगा। उन्होंने कहा:

“अगर पाकिस्तान भौगोलिक रूप से अस्तित्व में रहना चाहता है तो उसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद रोकना होगा।”

जनरल द्विवेदी ने यह बयान सीमा क्षेत्रों के दौरे के दौरान दिया, जिसमें उन्होंने बीकानेर सैन्य स्टेशन पर सैनिकों की तैयारियों का जायजा लिया।

वायुसेना की कार्रवाई का दावा

वहीं, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने कहा था कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कम से कम 12 लड़ाकू विमान नष्ट किए, जिनमें चार से पांच एफ-16 ज़मीन पर और पांच एफ-16 व जेएफ-17 हवा में शामिल थे। इसके अलावा दो जासूसी विमान भी ध्वस्त किए गए।

इन्हीं बयानों को लेकर सुखदेव भगत ने विरोधाभास का मुद्दा उठाया और कहा कि सरकार की चुप्पी शक पैदा करती है। उन्होंने कहा:

“हम अपनी सेना पर गर्व करते हैं, लेकिन देश को सबकुछ जानने का हक है। सेना के अधिकारियों के बयानों में विरोधाभास है और सरकार का मौन गंभीर प्रश्न खड़े करता है।”

पृष्ठभूमि: ऑपरेशन सिंदूर

गौरतलब है कि भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इस अभियान में पाकिस्तान और पाकिस्तान-ऑक्यूपाइड जम्मू-कश्मीर (PoJK) में आतंकी ढांचे को भोर से पहले की गई कार्रवाई में निशाना बनाया गया था। रक्षा मंत्रालय ने पहले ही इसकी जानकारी साझा की थी।

 

 

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