ऑपरेशन सिंदूर’ पर शशि थरूर के बयान से मची हलचल, पवन खेड़ा बोले – थरूर ने अपना पक्ष साफ कर दिया है, मुद्दा खत्म

समग्र समाचार सेवा,

नई दिल्ली, 30 मई: पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर के एक बयान ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। भाजपा जहां इस बयान को लेकर कांग्रेस पर हमलावर है, वहीं कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने स्थिति को स्पष्ट करने की कोशिश करते हुए कहा कि “शशि थरूर ने अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा कि पहले कभी सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई। अब यह मुद्दा खत्म हो गया है।”

खेड़ा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “बीजेपी तो हर वक्त मौके की तलाश में रहती है कि कैसे समाज और परिवारों में विवाद पैदा किया जाए।”

थरूर की टिप्पणी पर मचा बवाल

दरअसल, पनामा सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में शशि थरूर ने कहा था, “2016 में नरेंद्र मोदी सरकार के तहत भारत ने पहली बार नियंत्रण रेखा पार कर आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की।” इस बयान के बाद राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया और कांग्रेस के भीतर भी थरूर को आलोचना झेलनी पड़ी।

हालांकि, थरूर ने तुरंत सफाई दी और कहा कि वह केवल आतंकवादी हमलों के जवाब में की गई कार्रवाई की बात कर रहे थे, न कि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्धों की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “मेरी टिप्पणी का संदर्भ हाल के वर्षों में हुए आतंकवादी हमलों के प्रति भारत की प्रतिक्रिया से था। पहले की प्रतिक्रियाएं संयमित थीं, लेकिन अब हमने स्पष्ट किया है कि आतंक की कीमत चुकानी पड़ेगी।”

थरूर पर कांग्रेस की नाराज़गी

थरूर द्वारा केंद्र के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ग्लोबल आउटरीच प्रोग्राम को स्वीकार करने पर भी कांग्रेस में नाराज़गी देखने को मिली। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि इससे पार्टी की सामूहिक रणनीति को नुकसान पहुंच सकता है।

कांग्रेस नेता उदित राज ने थरूर पर सीधा हमला करते हुए उन्हें पार्टी के स्वर्णिम इतिहास को धूमिल करने वाला बताया। वहीं, पवन खेड़ा ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का एक पुराना साक्षात्कार साझा करते हुए दावा किया कि यूपीए सरकार के दौरान छह बार सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी, लेकिन उन्हें प्रचारित नहीं किया गया।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ और राष्ट्रीय राजनीति

भारतीय सेना द्वारा पहलगाम हमले के बाद शुरू किया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान है, जिसे लेकर सरकार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी विश्वास में ले रही है। इसी क्रम में विपक्षी नेताओं को भी आमंत्रित किया गया था, जिसमें शशि थरूर ने भाग लिया।

थरूर ने अपनी ओर से यह स्पष्ट किया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय हित में खड़े हैं, लेकिन उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। उन्होंने कट्टरपंथियों और ट्रोल्स पर उनके शब्दों को जानबूझकर विकृत करने का आरोप लगाया और कहा कि “मेरे पास बेहतर काम हैं।”

शशि थरूर के बयान ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर राजनीति कितनी संवेदनशील हो सकती है। कांग्रेस ने फिलहाल सार्वजनिक रूप से अपने सांसद का बचाव करते हुए यह साफ कर दिया है कि पार्टी का स्टैंड आतंकवाद के खिलाफ सख्त है, और यूपीए सरकार ने भी पहले ऐसी कार्रवाइयां की थीं

 

 

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