केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों के वापस लेने पर विरोधी दलों नें साधा निशाना, कांग्रेस ने कहा, टूट गया अभिमान, जीत गया मेरे देश का किसान

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19नवंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार सुबह तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया। इसके बाद से ही विरोधी दलों ने के बयान सामने आने लगे है। इन कानूनों को लेकर किसान लंबे समय से आंदोलनरत थे।

हालांकि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने साफ तौर पर कह दिया है कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।

कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि टूट गया अभिमान, जीत गया मेरे देश का किसान।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए ट्वीट किया, ‘आज प्रकाश दिवस के दिन कितनी बड़ी खुशख़बरी मिली। तीनों कानून रद्द. 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए. उनकी शहादत अमर रहेगी। आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी कि किस तरह इस देश के किसानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था. मेरे देश के किसानों को मेरा नमन।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘निरंकुश सरकार आज किसानों के अहिंसक आंदोलन के आगे हार गई. उन्होंने कहा, सरकार को मांगें पहले ही मान लेनी चाहिए थी। सरकारों को जनता के दबाव के आगे हमेशा झुकना चाहिए. किसानों व किसान आंदोलन को बधाई। केंद्र सरकार को सैंकड़ों किसानों की शहादत के सामने आखिर झुकना पड़ा. सरकार उन किसानों के परिवारों से भी माफी मांगे, जिनकी जान इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन में गई है।

आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘ये मोदी के अन्याय पर किसान आंदोलन की जीत ढेरों बधाई, भारत के अन्नदाता किसानों पर एक साल तक घोर अत्याचार हुआ। सैंकड़ों किसानो की शहादत हुई। अन्नदाताओं को आतंकवादी कह कर अपमानित किया। इस पर मौन क्यों रहे मोदी जी? देश समझ रहा है चुनाव में हार के डर से तीनो काला कानून वापस हुआ।’

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