समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30अगस्त। करीब सात सौ साल पहले इराक/अफगानिस्तान जैसे हालात थे भारत में भी हम भले ही भूल जाए पर 700 साल पूर्व जो बर्बरता हमारे पूर्वजों से झेली वो कम नहीं थी। लेकिन दुख तो इस बात का है के अंधे और बहरे चमचों की आंखें आज भी नहीं खुली है।
1. मीर कसिम ने सिंध में रात को धोखे से घुस कर एक रात में 50000 से ज्यादा हिन्दुओं का कत्लेआम कर सिंध पर कब्ज़ा किया।
2. सोमनाथ_मंदिर के अन्दर मौजूद 32500 ब्राह्मणों के खून से मुहम्मद गजनवी ने परिसर को नहला दिया था।
3. सोमनाथ में लगी भगवान् की मूर्तियों को मुहम्मद गजनवी ने अपने दरबार और शौचालय के सीढियों में लगवा दिया था ताकि वो रोज उनके पैर नीचे आती रहें।
4. औरंगजेब के इस्लाम काबुल करवाने के खुले आदेश के बाद सबसे ज्यादा तबाही आई। कुछ को जबरदस्ती से muस्लिम बनवाया गया। हजारों लोगों को कत्ल कर दिया गया।
5. औरंगजेब ने ब्राह्मणों द्वारा इस्लाम कबूल ना करने पर उन्हें गर्म पानी में उबाल कर जिन्दा चमड़ी उतरवाने का फरमान जारी किया। ब्राह्मणों की शिखाएं और जनेउ जलाकर औरंगजेब ने अपने नहाने का पानी गर्म किया।
6. मुहम्मद जलालुदीन (अकबर) ने हर हिन्दू राज्य जीतने पर वहा की लडकियों को उठवा दिया और मीना बाजार और हरम में पंहुचा दी जाती थी।
7. अजयमेरु का सोमेश्वरनाथ शिव मंदिर तोड़कर अजमेर दरगाह खड़ी की गयी साथ ही वैष्णव मंदिर तोड़ ढाई दिन का झोपड़ा तैयार किया गया। इनका सबूत हैं, वहा लगी कलाकृतिया जिस पर हिन्दू देवी देवता स्वस्तिक आदि बने हुए हे।
8. अलाउदीन खिलजी की सेना से धर्म और कुल की रक्षा करने के लिए चित्तौड़ की रानी पद्मिनी और 26000 राजपूत वीरंगानो ने अग्नि कुंद में कुदकर जोहर प्रथा निभाई।
9. बहादुर शाह जफ़र की चित्तौड़ पर आक्रमण के बाद फिर मुगलों से धर्म और स्वभिमान की रक्षा के लिए चितौड़ की रानी_कर्णावती ने 18000 राजपूत स्त्रियों के साथ अग्निकुंड में कूद जोहर करना चाहा पर लकड़ी कम पड़ने के कारन बारूद के ढेर के साथ वीरांगनाओ ने खुद को उड़ा दिया।
10. मुहम्मद जलालुदीन(अकबर) के आक्रमण पर चित्तौड़ में फिर महारानी जयमल मेड़तिया ने 12000 राजपूत स्त्रियों के साथ अग्निकुंद में कूद जोहर किया।
और भी ना जाने कितनी बर्बरता हुई है हम हिंदुओं के साथ यदि सब लिखने बैठूं तो लिखने के लिए साल कम पड़ जाएंगे…
एक समय था अरब के पर्शिया से लेकर इंडोनेशिया तक हिन्दू धर्म के ही अनुयायी थे कितने करोड़ लाखो की लाशे बिछा दी गयी, कितनी ही स्त्रियों ने बलिदान दिए, कितने लाखो मन्दिर टूटे, कितने तरह के जुल्म हए जिनका वर्णन नहीं किया जा सकता।
इसलिए इतिहास का जानना बहुत जरूरी है हमारे पुर्खों ने जो बलिदान दिया है उसे व्यर्थ न जाने दे। इतिहास को जाने अपने धर्म को जाने।
श्रेय – वागीश पाण्डेय
राज सिंह
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