समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28जून। क्षा मंत्री राजनाथ सिंह इन दिनों तीन दिवसीय लेह दौरे पर हैं, सिंह की यात्रा का मकसद चीन के साथ लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद के बीच क्षेत्र में भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेना है. यात्रा के दूसरे दिन वह जवानों के मुलाकात करने पहुंचे तो जवानों ने भारत माता के जयकारों के साथ उनका स्वागत किया, इसके बाद खुद रक्षा मंत्री ने जवानों के साथ मिलकर जयकारे लगाने शुरू किए जिसकी आवाज से पूरा लद्दाख गूंज उठा. इसका एक वीडियो भी सामने आया है जब जवानों ने वाहेगुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह, नारे लगाए तो जवानों की आवाज में अपनी आवाज देते हुए रक्षामंत्री ने भी जयकारे लगाने शुरू कर दिए.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख से चीन को कड़ा संदेश देते हुए सोमवार को कहा कि भारत ‘गलवान वीरों’ के बलिदान को कभी नहीं भूलेगा और देश के सशस्त्र बल हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं. लद्दाख दौरे के दूसरे दिन सिंह ने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ बातचीत के जरिए मुद्दों का समाधान तलाशने की कोशिश की जानी चाहिए, लेकिन साथ ही आगाह किया कि अगर कोई हमें धमकाने की कोशिश करेगा तो भारत इसे बर्दाशत नहीं करेगा।
#WATCH | Defence Minister Rajnath Singh and army personnel chorused 'Waheguru ji ka Khalsa, Waheguru ji ki Fateh' at Leh during his 3-day visit in the UT pic.twitter.com/thadzY5jfg
— ANI (@ANI) June 28, 2021
सिंह ने कहा, ‘ देश के लिए गलवान घाटी में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों के बलिदान को भारत कभी नहीं भूलेगा.’ उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं. गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ पिछले साल 15 जून को भीषण झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. दोनों देशों के बीच पिछले कुछ दशकों में हुई यह सबसे भीषण झड़प थी।
रक्षा मंत्री ने लद्दाख में सीमा सड़क संगठन द्वारा कार्यान्वित 63 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया. सिंह तीन दिवसीय लद्दाख दौरे पर हैं.रक्षा मंत्री ने कहा कि हम विश्वशांति के पुजारी हैं. हम शस्त्र भी धारण करते हैं तो शांति की स्थापना के लिए. भारत ने आज तक किसी भी देश पर न तो आक्रमण किया है न ही किसी भी देश की एक इंच जमीन पर हमने कब्जा किया है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ बातचीत के ज़रिए समाधान निकालने की कोशिश की जानी चाहिए. मंशा साफ़ होनी चाहिए. हम न तो किसी को आँख दिखाना चाहते हैं, न किसी का आँख दिखाना मंजूर है. हमारी सेना में हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता है।
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