* सर्जना शर्मा
कोई लगभग दो साल पुरानी बात होगी . तब हम दिल्ली कैंट में रहते थे एक दिन सुबह लगभग 8 बजे मैनें ओला टैक्सी बुलाई । जो ड्राईवर था वो बहुत बातूनी था । मेरे गाड़ी में बैठते ही बोला आज का दिन बहुत अच्छा जाएगा आपके जैसी पाक खातून मेरी गाड़ी में पहली सवारी हैं । आप के चेहरे पर बहुत पाकीज़गी है । मैं कुछ समझ या बोल पाऊं वो बोलता चला गया — मैं और मेरी बीवी दोनों कुरान के आलिम हैं हम दोनों अल्लाह को ही नहीं सबको मानते है । फिर बताने लगा कि मैं मेवात इलाके का मुस्लमान हूं । मेरा पूरा परिवार वहीं रहता है । मैनें कुछ हिम्मत करके कहा लेकिन वो तो बहुत बदनाम इलाका है । वहां तो गाय की तस्करी और भी बहुत तरह के अपराध होते हैं । उसने कहा हां आप बिल्कुल ठीक कह रही हैं । कोई भी मुस्लमान कहीं भी अपराध करे तो वो मेवात में आ कर शरण ले सकता है । कोई डर नहीं है वहां । मैनें कहा क्यों भाई क्या पुलिस का डर नहीं है तुम लोगों को और अब तो सरकार भी बीजेपी की है हरियाणा में । उसने बहुत साफगोई से कहा — इससे क्या फर्क पड़ता है पुलिस ही हमसे डरती है जल्दी से हम पर हाथ नहीं डालती । क्योेंकि जैसे ही मेवात के मु्स्लमानों की धर पकड़ होगी तो मामला हिंदु मुस्लिम का बन जाएगा । कांग्रेस और मीडिया हमारे साथ ही खड़ा होगा ये हमें पता ही है । फिर डरना कैसा । हांलाकि बीच बीच में वो कुरान अल्लाह और पाकीज़गी की बात भी करता रहा । लेकिन उसने जिस साफगोई से कहा उससे मुझे हैरानी हुई । और बहुत शान से उसने कहा — मेवात में हमारा पूरा जलवा है हमारी फुल चलती है किसकी हिम्मत है कि हम पर हाथ डाले ।मेरा ड्रिप खत्म हुआ तो बोला मैं कभी कभी आपसे मिलने आ सकता हूं । आप मुजे बहुत अच्छी लगीं । अब बताइए मैनें कह दिया हां लेकिन मुझे पता था कि कैंट में गैर फौजी का प्रवेश उतना आसान नहीं है जब तक कि हम चेक पोस्ट को हां न कह दें ।
भारत में मेवात जैसे एक नहीं अनेक इलाके हैं । जहां जाने से आम आदमी तो क्या पुलिस को भी डर लगता है । और यही कारण है कि इनके हौसलें इतने बुलंद हैं । कि ये दिन दहाड़े अपराध करते हैं । ज़रा कल्पना किजिए यदि भारत जैसे देश में इनका ये हाल है तो जहां इनकी आबादी सबसे अधिक होती है वहां लोगों का जीना कितना मुहाल रहता है । फ्रांस का ताजा़ उदाहरण है । लंदन में गोरों को डराना धमकाना रोज की बात है । मुस्लिम समाज विशेषकर युवा वर्ग को बहुत सोच विचार करने की ज़रूरत है । वैसे तो धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म के आधार पर इनको अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं मिलना चाहिए इनको क्या किसी को भी लेकिन वोट बैंक जो ना कराए वो कम । भारत का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ मुस्लमानों को अपने लिए अपना अलग देश चाहिए था उनको मिल गया लेकिन भारत का हाल तो वही का वही रहा । पाकिस्तान बांग्लादेश अफगानिस्तान में हिंदुओं , सिखों ईसाइयों का नामों निशान मिटाया जा रहा है । भारत में हर व्यक्ति खुशी से जी रहा है । जी ही नहीं रहा यहां का खाना भी और गाली भी देना । भारत के मानवाधिकार एक्विटिस्ट भी बहुत सिलेक्टिव हैं अब देखिए मेवात की दिन दहाड़े हत्या पर कोई बयान नहीं सब मेधा पाटेकर और मणिमालाएं हाथरस ही जाना जानते हैं । भीम आर्मी जयंत चौधरी , अखिल भारतीय भैय्या और दीदी आम आदमी पार्टी अब मेवात का रूख ही नहीं कर रहे । कब तक चलेगा ये सब । फ्रांस भुगत रहा है आप भी तैयार रहना
कोई मुस्लिम लड़की हिंदु लड़के से प्यार करे तो हिंदु लड़के की हत्या । मुस्लिम लड़के एक तरफा और नकली हिंदु बन कर हिंदु लड़कियों से प्रेम का नाटक करे बाद में धर्म परिवर्तन ना करने पर लड़की की हत्या । हम सब चुप रहेंगें हम तो सेकुलर हैं । अपराधी का कोई धर्म नहीं होता । लेकिन हिंदुओं में अपराधियों की जातियां होती है मसलन ठाकुर , ब्राह्णण , बनिया राजपूत आदि आदि ये सब तो दलितों पर अत्याचार के लिे ही पैदा हुए हैं । बस शांति दूतों के अपराध को धर्म से ना जोड़ा जाए ।
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