समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों को रद्द करने का निर्णय के बाद से ही इस फैसले पर भी विपक्ष की राजनीति शुरू हो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि इस तरह के फैसले के लिए कैबिनेट की मंजूरी नहीं ली गई।
पी चिदंबरम ने शनिवार को एक ट्वीट में पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा किए बिना ही बड़ा ऐलान कर दिया। पी चिदंबरम ने कहा, क्या आपने देखा कि पीएम मोदी ने बिना कैबिनेट बैठक किए ही घोषणा कर दी। चिदम्बरम ने लिखा था कि ऐसा सिर्फ बीजेपी के राज में होता है जब कैबिनेट की मंजूरी के बिना कानून बनाए और निरस्त किए जाते हैं।
उन्होंने शुक्रवार सुबह पीएम मोदी के देश के नाम संबोधन के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ट्वीट पर भी निशाना साधा।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘गृह मंत्री ने ‘उल्लेखनीय राजनेता’ दिखाने के लिए पीएम की घोषणा की सराहना की। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री को किसानों की ज्यादा परवाह है। रक्षा मंत्री ने कहा कि पीएम ने किसानों के कल्याण को देखते हुए यह फैसला लिया है। पी चिदंबरम ने कहा, ”कहां थी इन काबिल नेताओं की 15 महीने की सलाह।”
इससे पहले, पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, “लोकतांत्रिक विरोधों के माध्यम से क्या हासिल नहीं किया जा सकता है। प्रधान मंत्री द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा नीति में बदलाव और हृदय परिवर्तन से प्रेरित नहीं है। चुनाव के डर के कारण यह निर्णय लिया गया है।”
उन्होंने शुक्रवार को कहा, “हालांकि, यह किसानों की बड़ी जीत है और इन कानूनों का पुरजोर विरोध करने वाली कांग्रेस पार्टी की भी जीत है।”
Home Minister hailed the PM’s announcement as showing ‘remarkable statesmanship’
BJP President said that PM has ‘immense care for farmers’
Defence Minister said that PM had taken the decision considering the ‘welfare of the farmers’
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 20, 2021
Comments are closed.