समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28 मई: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ वह भीषण आतंकी हमला, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई—अब एक पूर्व पाकिस्तानी सेना अधिकारी ने इसे ‘एक सोची-समझी साजिश’ करार दिया है। मेजर (सेवानिवृत्त) आदिल राजा ने दावा किया है कि इस हमले के पीछे कोई आतंकी गिरोह नहीं, बल्कि खुद पाकिस्तान की सेना का शीर्ष नेतृत्व शामिल था।
इंडिया टीवी को दिए गए एक साक्षात्कार में आदिल राजा ने खुलासा किया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अपने पद को बचाने और घरेलू आलोचनाओं से ध्यान भटकाने के लिए इस हमले की योजना बनाई। “यह एक रणनीतिक हमला था, जिसे जनरल असीम मुनीर ने अपने करीबी सैन्य अधिकारियों के साथ मिलकर अंजाम दिया। इसमें चार से पांच शीर्ष सैन्य और खुफिया अधिकारियों की भूमिका रही,” उन्होंने कहा।
राजा, जो अब पाकिस्तान से बाहर हैं और खुलेआम सेना की नीतियों की आलोचना करते हैं, का कहना है कि हमले में शामिल अधिकारियों की पहचान भी हो चुकी है। “इनके नाम, पद और चेहरे तक सामने आ चुके हैं,” उन्होंने दावा किया।
“आतंक नहीं, यह नीति है”
राजा ने पाकिस्तान सेना और आतंकी संगठनों के बीच लंबे समय से चल रहे गठजोड़ की ओर इशारा करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में जो हमले होते हैं, वे किसी ‘स्वतंत्र’ आतंकवादी संगठन के नहीं, बल्कि सेना के ‘हैंडलर्स’ द्वारा संचालित होते हैं। “यह कोई अनुमान नहीं है—मैं एक अंदरूनी सूत्र हूं और यह उस व्यवस्था की सच्चाई है जिसे पाकिस्तान लंबे समय से छुपा रहा है,” उन्होंने कहा।
भारत ने बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह मुद्दा उठाया है कि पाकिस्तान की सेना और ISI जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। आदिल राजा के इस बयान से भारत के इन आरोपों को नई ताकत मिल सकती है।
अब तक पाकिस्तान की चुप्पी
इन आरोपों पर अब तक पाकिस्तान के सैन्य या सरकारी तंत्र की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन माना जा रहा है कि इस खुलासे के बाद दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंध और बिगड़ सकते हैं।
सवाल यही है: अगर एक पूर्व फौजी इतनी खुलकर यह कह रहा है, तो क्या दुनिया अब भी पाकिस्तान की भूमिका पर आंखें मूंदे रखेगी?
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