समग्र समाचार सेवा
इस्लामाबाद, 17अगस्त। जहां एक तरफ तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान तालिबान को अपना जोरदार समर्थन दे रहा है। इतना ही नहीं जो बाईडन के अपने सैनिकों के वापसी पर अन्य देश नाराजगी जाहिर कर रहे है तो वहीं पाक अमेरिका के तारीफों के पुल बांध रहा है और पाक ने जो बाइडन द्वारा अपने सैनिंको को वापस बुलाए जाने के फैसलें को भी सही ठहरा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी के पूर्व अमेरिकी प्रशासन के फैसले के साथ आगे बढ़ने का अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का निर्णय ‘‘इस संघर्ष का तार्किक निष्कर्ष’’ है।
अकरम ने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाताओं से सोमवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ‘‘अफगानिस्तान में दीर्घकालिक शांति, सुरक्षा एवं विकास के लिए एक समावेशी राजनीतिक समाधान सुनिश्चित’’ करने के लिए अब मिल कर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के इस रुख की पुष्टि हो गई है कि ‘‘अफगानिस्तान में संघर्ष कभी सैन्य तरीके से समाप्त नहीं’’ हो सकता। अकरम ने कहा कि वार्ता के जरिए संघर्ष समाप्त करने का सबसे उचित समय संभवत: तब था, जब अफगानिस्तान में अमेरिका और नाटो बलों की अधिकतम सैन्य मौजूदगी थी।
उन्होंने कहा कि इसलिए ‘‘बलों की वापसी के पूर्व अमेरिकी प्रशासन के फैसले का बाइडन प्रशासन की ओर से समर्थन किया जाना इस संघर्ष का वास्तव में एक तार्किक निष्कर्ष है’’।
तालिबान ने भारत को दी नसीहत
अफगानिस्तान की सत्ता को हथियाने वालें तालिबान ने अब अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया है वह पाकिस्तान का जोरदार समर्थन भी कर रहा है। अब पाक के इशारें पर तालिबान भारत को नसीहतें भी देना शुरू कर दिया है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने भारत के बारे में बात करते हुए कहा कि तालिबान किसी भी देश को अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी और के खिलाफ करने की अनुमति नहीं देगा। हालांकि हम उनकी ओर से किए जा रहे निर्माण कार्यों को पूरा किए जाने का स्वागत करते हैं। यदि वे अपने प्रोजेक्ट्स को पूरा करना चाहते हैं तो ऐसा कर सकते हैं। शाहीन ने कहा कि ये प्रोजेक्ट्स जनता के हित के लिए हैं।
पाकिस्तानी चैनल ‘हम न्यूज’ को दिए इंटरव्यू में तालिबान के प्रवक्ता ने भारत को लेकर कहा, ‘हम कह चुके हैं कि हम किसी भी देश या समूह को अफगानिस्तान की जमीन का किसी अन्य के खिलाफ इस्तेमाल नहीं करने देंगे। यह स्पष्ट है।’
भारत का अफगानिस्तान में 3 अरब डॉलर का निवेश
भारत ने अफगानिस्तान के तमाम प्रोजेक्ट्स में काम कर रहे अपने प्रोफेशनल्स को भी वापस बुलाया है। काबुल में अफगानिस्तान की संसद और सलमा डैम के निर्माण के अलावा भी तमाम प्रोजेक्ट्स में भारत जुड़ा रहा है। भारत ने अफगानिस्तान में 3 अरब डॉलर का खर्च किया है। बता दें कि अब तक किसी भी अन्य पड़ोसी देश ने अफगानिस्तान में इतना बड़ा निवेश नहीं किया था।
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