संघर्षविराम पर पाकिस्तान का धोखा: शांति समझौते के बाद भी हमले, भारत का मुंहतोड़ जवाब

जम्मू/श्रीनगर, 10 मई: अभी संघर्षविराम समझौते की स्याही सूखी भी नहीं थी कि पाकिस्तान ने शनिवार को उसकी धज्जियाँ उड़ाते हुए हमला बोल दिया। जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के कई इलाकों में पाकिस्तानी रेंजर्स और ड्रोन ने मिलकर गोलीबारी और घुसपैठ की कोशिशों की बौछार कर दी। युद्धबंदी पर सहमति के चंद घंटों बाद हुए इस तत्काल और व्यापक आक्रमण के बाद, भारत ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को अकारण हमलों का पूरी ताकत से मुंहतोड़ जवाब देने का सीधा आदेश दे दिया।

यह ताज़ा तनाव तब शुरू हुआ जब भारत ने संघर्षविराम की घोषणा की, जो पाकिस्तान की पहल पर हुई शांति वार्ता के बाद तय हुआ था। पाकिस्तान सरकार ने भी बाद में इसकी पुष्टि की। लेकिन ज़मीनी हकीकत अलग थी। औपचारिक सहमति के बावजूद, पाकिस्तान की हरकतों से शांति तार-तार हो गई। ये हमले शुक्रवार देर शाम शुरू हुए और शनिवार को और तेज़ हो गए।

श्रीनगर में कई धमाकों से इलाका दहल गया। रेड अलर्ट जारी हुआ और पूरा शहर अंधेरे में डूब गया। राजस्थान के पोखरण में, जो भारतीय सरज़मीं में काफी अंदर है, एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया गया। कश्मीर के बारामूला में भी एक ड्रोन गिराया गया, जहां संदिग्ध मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) बार-बार देखे जा रहे थे। पाकिस्तान सेना ने अखनूर, राजौरी और आरएस पुरा सेक्टरों में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तोपखाने से गोले दागे। जम्मू के पलानवाला सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर भी संघर्ष विराम उल्लंघन की खबरें आईं। बारामूला और श्रीनगर दोनों में पूरी तरह से ब्लैकआउट कर दिया गया। राजौरी में भी ड्रोन देखे गए, और जम्मू क्षेत्र के सांबा जिले में हवाई हमले का सायरन बजने लगा। कटरा के पास भी हवाई गतिविधि की सूचना मिली, जो माता वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों का बेस कैंप है। यहां भी अंधेरा छा गया।

पाकिस्तान की अकारण आक्रामकता पंजाब तक भी फैली। गुरदासपुर, फिरोजपुर, पठानकोट, होशियारपुर, जालंधर और फरीदकोट में ड्रोन देखे गए। हालात को देखते हुए जालंधर और लुधियाना के चिंतित अधिकारियों ने निवासियों से हाई अलर्ट पर रहने और ब्लैकआउट करने का निर्देश दिया। जालंधर प्रशासन ने तो जनता से यहां तक अपील की, “बदलती परिस्थितियों को देखते हुए, सभी नागरिकों से विनम्र अनुरोध है कि वे घरों के अंदर रहें और जहां भी संभव हो स्वेच्छा से ब्लैकआउट करें।”

जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इस हमले के समय और प्रकृति पर विश्वास नहीं कर सके। संघर्षविराम के चंद घंटे बाद हुए हमले पर उन्होंने नाराज़गी जताते हुए कहा, “यह संघर्षविराम नहीं है।” उन्होंने ट्वीट किया, “यह क्या हो गया संघर्षविराम को? श्रीनगर भर में धमाकों की आवाज़ सुनाई दी !!!” ड्रोन हमले के वीडियो को साझा करते हुए उन्होंने फिर लिखा, “यह संघर्षविराम नहीं है। श्रीनगर के बीच में हवाई रक्षा इकाइयों ने अभी-अभी मोर्चा खोल दिया है।”

याद दिला दें कि संघर्षविराम समझौता पाकिस्तान द्वारा बातचीत शुरू करने के बाद शनिवार दोपहर दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच हुई चर्चा में तय हुआ था। इसका मकसद 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद शुरू हुए तीव्र सैन्य अभियानों पर विराम लगाना था। हालांकि, पाकिस्तान द्वारा किए गए तत्काल उल्लंघन ने इस नाजुक शांति समझौते को बुरी तरह कमज़ोर कर दिया है। यह भारत के निर्देशों को सही ठहराता है कि उसकी सेनाएं पूरी तरह से सतर्क रहें और किसी भी आगे की आक्रामकता का निर्णायक रूप से मुकाबला करने के लिए तैयार रहें।

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