पाकिस्तान ने दिवाली से पहले 80 भारतीय मछुआरों छोड़े, अटारी बाघा बॉर्डर के जरिए अपने देश लौटेओर गिफ्ट लाए

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11नवंबर। पाकिस्तान सरकार ने दिवाली से ठीक पहले भारत के 80 मछुआरों को कराची की जेल से रिहा कर दिया है. ये भारतीय नागरिक अटारी वाघा बॉर्डर  के जरिये देश में आ गए हैं. इनमें से अधिकतर मछुआरे गुजरात के हैं. गुजरात सरकार की एक टीम इन मछुआरों को लेने के लिए पंजाब में बॉर्डर पर पहुंची. अवैध विदेशी प्रवासियों और नागरिकों को देश से निकालने के लिए पाकिस्तानी सरकार के मौजूदा अभियान के तहत भारतीय मछुआरों को रिहा किया गया है. कराची में जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय मछुआरों को भारी सुरक्षा के बीच अल्लामा इकबाल एक्सप्रेस ट्रेन से रवाना किया गया और वे लाहौर पहुंचे, यहां से उन्हें वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया.

ईधी ट्रस्ट ने गिफ्ट देकर भेजा भारत: ईधी वेलफेयर ट्रस्ट के फैसल ईधी ने कहा कि ज्यादातर भारतीय मछुआरे गरीब पृष्ठभूमि से हैं और वे घर लौटने को लेकर बहुत खुश हैं. ईधी वेलफेयर ट्रस्ट ने ही भारतीय मछुआरों की लाहौर तक जाने की व्यवस्था की है. उन्होंने कहा, “वे खुश हैं कि वे जल्द ही अपने परिवारों में मिल रहे हैं. हमने उन्हें घर ले जाने के लिए कुछ नकद और अन्य उपहार दिए हैं.”

अक्सर होती है ऐसी गिरफ़्तारी: पाकिस्तान और भारत नियमित रूप से समुद्री सीमा का उल्लंघन करने पर एक-दूसरे के मछुआरों को गिरफ्तार करते रहते हैं. अहमदाबाद में गुजरात मत्स्य पालन आयुक्त नितिन सांगवान ने बताया कि मछुआरों को शुक्रवार दोपहर अटारी-वाघा सीमा पर राज्य मत्स्य पालन विभाग की टीम को सौंप दिया गया. सांगवान ने बताया, “वे गुजरात के विभिन्न हिस्सों से हैं.”

173 भारतीय मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में बंद: गैर सरकारी संगठन ‘इंडिया पाकिस्तान पीपुल्स फॉरम फॉर पीस एंड डेमोक्रेसी’ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य जीवन जुंगी ने बताया, “ इन 80 मछुआरों को पाकिस्तानी अधिकारियों ने उसके देश के जल क्षेत्र में मछली पकड़ने का आरोप लगाकर लगभग तीन साल पहले पकड़ लिया था. वे 2020 में नियमित अंतराल पर गुजरात तट से रवाना हुए थे. हमारे रिकॉर्ड के अनुसार, 173 भारतीय मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं.” मई और जून में, पाकिस्तान सरकार ने लगभग 400 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया था जिन्हें इन्हीं आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया था.

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