समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25 सितंबर: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि एकात्म मानववाद और अंत्योदय के सिद्धांत भारत की विकास यात्रा के केंद्र में हैं और यही विचार आज भी देश के नीति-निर्माण और समावेशी विकास मॉडल की नींव बने हुए हैं।
एकात्म मानववाद और अंत्योदय की प्रेरणा
अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका दर्शन आज भी प्रासंगिक है।
- एकात्म मानववाद ने भारतीय समाज और संस्कृति को एक नई दिशा दी।
- अंत्योदय का विचार—पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक विकास की किरण पहुँचाना—आज सरकार की योजनाओं और नीतियों में गहराई से झलकता है।
प्रधानमंत्री का सोशल मीडिया संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“भारत माता के महान सपूत और एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर कोटिशः नमन। देश को समृद्धि की राह दिखाने वाले उनके राष्ट्रवादी विचार और अंत्योदय के सिद्धांत विकसित भारत के निर्माण में बहुत काम आने वाले हैं।”
भारत माता के महान सपूत और एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर कोटिश: नमन। देश को समृद्धि की राह दिखाने वाले उनके राष्ट्रवादी विचार और अंत्योदय के सिद्धांत विकसित भारत के निर्माण में बहुत काम आने वाले हैं। pic.twitter.com/Lrj39Nn7wP
— Narendra Modi (@narendramodi) September 25, 2025
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का योगदान
- पंडित उपाध्याय भारतीय राजनीति और विचारधारा के उन महान नेताओं में गिने जाते हैं जिन्होंने समाज को आत्मनिर्भरता और सेवा की राह दिखाई।
- उनका ‘अंत्योदय’ का दर्शन आज भी अनेक कल्याणकारी योजनाओं की प्रेरणा है।
- भारतीय जनसंघ के संस्थापक महासचिव के रूप में उन्होंने संगठन और राष्ट्रवाद को नई दिशा दी।
प्रधानमंत्री मोदी की श्रद्धांजलि न केवल पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को पुनः जीवित करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि आज का भारत ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की नीति के साथ उन्हीं आदर्शों पर आगे बढ़ रहा है।
Comments are closed.