समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,8 मई । छात्रों के बीच सनसनी मचाने वाला एक फर्जी नोटिस इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि देश में कथित “युद्ध की स्थिति” के चलते सभी परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं और छात्रों को जल्द से जल्द अपने घर लौट जाने की सलाह दी गई है।
यह पूरा नोटिस फर्जी है!
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने आधिकारिक बयान जारी कर इस अफवाह की सच्चाई से पर्दा उठा दिया है।
UGC ने स्पष्ट कहा है – “हमने ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है। यह वायरल हो रहा नोटिस पूरी तरह से मनगढ़ंत और भ्रामक है।”
संस्थान ने साथ ही चेतावनी दी है कि झूठी जानकारी फैलाना कानूनन अपराध है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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इस प्रकार की अफवाहों से भ्रमित न हों।
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केवल UGC की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया चैनल्स से ही अपडेट प्राप्त करें।
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फर्जी खबरें फैलाना या उन्हें शेयर करना भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
इस झूठे नोटिस के पीछे की मंशा स्पष्ट है—देशभर के छात्रों को डराना, परीक्षा व्यवस्था को बाधित करना और शैक्षणिक माहौल को अस्थिर करना। फिलहाल जांच एजेंसियां इस फर्जीवाड़े की जड़ों तक पहुंचने में जुट गई हैं।
यह पहला मौका नहीं है जब परीक्षा से जुड़े मामलों में इस तरह के फर्जी संदेश फैलाए गए हों। लेकिन इस बार स्थिति और भी संवेदनशील है, क्योंकि यह ‘युद्ध’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर छात्रों को मानसिक रूप से प्रभावित करने की साजिश लगती है।
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किसी भी असत्यापित मैसेज पर यकीन न करें।
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फॉरवर्ड करने से पहले तथ्यों की पुष्टि करें।
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यदि कोई ऐसा फर्जी संदेश आपके पास आता है, तो तुरंत UGC या साइबर क्राइम विभाग को रिपोर्ट करें।
भारत के करोड़ों छात्र अब और किसी अफवाह का शिकार नहीं बनेंगे—यह सुनिश्चित करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
UGC की सभी परीक्षाएं निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होंगी।
कोई रद्दीकरण नहीं हुआ है। कोई आपात स्थिति नहीं है।
तो हो जाइए सतर्क –
झूठ को ना कहिए,
सिर्फ सच पर भरोसा करिए!
– एजुकेशन अलर्ट | भारत छात्र संवाद
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