समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर: बिहार के पूर्णिया लोकसभा सीट से सांसद पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखे आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने उन्हें हाईजैक कर दिया है और अब वह राज्य का मुख्यमंत्री संभालने की स्थिति में नहीं हैं। यह टिप्पणी उन्होंने द हिंदू को दिए एक इंटरव्यू में की।
पप्पू यादव ने कहा, “मैं व्यक्तिगत तौर पर नीतीश कुमार को एक ईमानदार और अच्छे आदमी के रूप में देखता हूं। लेकिन बीजेपी उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रही है। मैं उनका सम्मान करता हूं, लेकिन वह मुख्यमंत्री का पद ठीक से संभालने की स्थिति में नहीं हैं।”
सांसद ने आगे दावा किया कि जबसे नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने हैं, सरकार चलाने की जिम्मेदारी केवल नौकरशाहों के हाथों में चली गई है। पप्पू यादव ने इसे लोकतंत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय बताया। उन्होंने कहा कि सत्ता में वापसी के बाद बीजेपी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए रखेगी या नहीं, यह तय करना मुश्किल होगा। उनका कहना है कि बिहार में बीजेपी की पहचान अब केवल नीतीश कुमार से जुड़ी है और अगर पार्टी उन्हें हटाती है तो उत्तराधिकारी तय करना कठिन होगा।
कांग्रेस में विलय और राजनीतिक दृष्टिकोण
पप्पू यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि वे अब कांग्रेस पार्टी के साथ हैं। उनकी जन अधिकार पार्टी प्रियंका गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में विलय हो चुकी है। पप्पू यादव ने कहा, “कांग्रेस ने मुझे स्वीकार किया है। मैं पार्टी की विचारधारा के साथ खड़ा हूं और डेढ़ महीने झारखंड में कांग्रेस के लिए काम कर चुका हूं। दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र में कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए जनसभाएं की हैं।”
उन्होंने तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री फेस घोषित किए जाने के सवाल पर कहा कि फिलहाल बिहार के लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का मुद्दा प्राथमिक नहीं है। असली मुद्दे हैं, जैसे जातिगत जनगणना, वोटों की चोरी, संविधान की रक्षा और बिहार में गरीबी। पप्पू यादव ने बताया कि विपक्षी गठबंधन इन मुद्दों पर फोकस रखेगा और मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव में जीत के बाद लिया जाएगा।
विश्लेषकों का कहना है कि पप्पू यादव की टिप्पणियां बिहार की राजनीतिक तस्वीर में नए विवाद पैदा कर सकती हैं। उनका बयान यह संकेत देता है कि विपक्षी गठबंधन में नेताओं के बीच स्पष्ट भूमिकाएं और मुद्दों की प्राथमिकता तय हो रही है। साथ ही यह नीतीश कुमार और बीजेपी की स्थिति पर सवाल उठाने वाला भी है, खासकर आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए।
पप्पू यादव की इस प्रतिक्रिया ने बिहार की राजनीति में रणनीतिक बदलाव और गठबंधन के समीकरणों पर ध्यान खींचा है। आगामी महीनों में यह स्पष्ट होगा कि विपक्षी दल किस तरह अपनी राजनीतिक ताकत का उपयोग करेंगे और जनता इस मुद्दों और नेताओं पर किस तरह का निर्णय देगी।
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