माता-पिता को अपने बच्चों से बहुत अधिक अपेक्षा नहीं करनी चाहिए, उन्हें अपनी पसंद का करियर चुनने दें : उपराष्ट्रपति

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,13 अगस्त। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को उन माता-पिता के प्रति अपनी असहमति व्यक्त की जो अपने बच्चों से बहुत अधिक अपेक्षा करते हैं और उन्हें प्रशासनिक अधिकारी या इंजीनियर बनने के लिए प्रेरित करते हैं, जबकि बच्चा वास्तव में संगीतकार या फोटोग्राफर बनना चाहता है।

उपराष्ट्रपति ने शनिवार को उप-राष्ट्रपति निवास में उनसे मुलाकात करने वाले केरल के छात्रों के एक समूह से बात करते हुए कहा, “माता-पिता अपने बच्चों के माध्यम से अपना जीवन जीना चाहते हैं। यह सही बात नहीं है। जीवन के हर क्षेत्र में उपलब्धि हासिल की जा सकती है।” ये छात्र तिरुवनंतपुरम में नेहरू युवा केन्द्र संगठन द्वारा आयोजित मन की बात क्विज़ प्रतियोगिता के विजेता थे।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने एक छात्र के सवाल का जवाब देते हुए नशीली दवाओं के दुरुपयोग को दुनिया के लिए खतरा बताया। उन्होंने नशे को मानवता के लिए चुनौती करार देते हुए कहा कि यह उन प्रतिभाओं को नष्ट कर देता है जो दुनिया को ऊंचे स्तर पर ले जाने की क्षमता रखती हैं।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग के पीछे के कारकों पर प्रकाश डालते हुए उप-राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम अपने मूल सांस्कृतिक मूल्यों और पारिवारिक जीवन से दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का भी आह्वान किया, जहां व्यक्ति मित्रता में विश्वास करता हो, सामुदायिक जीवन में विश्वास करता हो, परिवार में विश्वास करता हो और बड़ों का सम्मान करता हो।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने नशीली दवाओं की चुनौती पर सख्त रवैया अपनाने के लिए सरकार की सराहना करते हुए शासन से अपील की कि नशीले पदार्थों का कारोबार करने वालों के साथ सख्त रहें और नशीले पदार्थ के कारण पैसा कमाने वालों को बेनकाब करने से कभी न डरें।

उन्होंने नशीली दवाओं की लत से पीड़ित लोगों के प्रति सकारात्मक और स्वस्थ दृष्टिकोण का आह्वान करते हुए पीड़ितों के लिए परामर्श और नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना की वकालत की । उन्होंने कहा,“उस व्यक्ति पर लांछन न लगाएं, जिसने एक या दो बार नशीले पदार्थ का सेवन किया है।”

उपराष्ट्रपति ने भ्रष्टाचार को आम आदमी का सबसे बड़ा दुश्मन करार देते हुए कहा कि यह आपको अवसर की समानता से वंचित करता है और राष्ट्र के विकास में बाधा डालता है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार के कड़े रुख पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि सत्ता के गलियारों को बिचौलियों से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है ।

उपराष्ट्रपति ने हर घर जल, स्वच्छ भारत मिशन, डिजिटल हस्तांतरण जैसी कई जन-अनुकूल पहलों का उल्लेख करते हुए कहा, “समावेशिता आज अपने उच्चतम स्तर पर है और इसने हमारी अर्थव्यवस्था और समाज को बदल दिया है और प्रत्येक नागरिक को सशक्त बनाया है।”

उन्होंने विद्यार्थियों से हमेशा राष्ट्र को पहले रखने का आह्वान करते हुए उनसे संस्थानों की छवि खराब करने की कोशिश करने वालों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने को कहा।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन भी उपस्थित रहे।

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