समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2 जुलाई: संसद भवन की सुरक्षा में सेंधमारी मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपियों नीलम आज़ाद और महेश कुमावत को जमानत दे दी है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के विरोध के बावजूद दोनों को राहत दी, लेकिन इसके साथ कुछ सख्त शर्तें भी लागू कर दी हैं।
पीली गैस कांड का मामला
गौरतलब है कि दिसंबर 2023 में संसद के भीतर हंगामा उस वक्त मच गया था जब आरोपियों ने लोकसभा में घुसकर पीली गैस छोड़ी और जोरदार नारेबाजी की थी। इस घटना ने संसद की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। इसके बाद से ही नीलम आज़ाद और महेश कुमावत न्यायिक हिरासत में थे।
मीडिया और सोशल मीडिया पर रोक
दिल्ली हाई कोर्ट की खंडपीठ ने जमानत देते वक्त साफ कहा कि नीलम और महेश न तो किसी भी मीडिया प्लेटफॉर्म को इंटरव्यू देंगे और न ही सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट साझा करेंगे। कोर्ट ने उन्हें 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानतें जमा कराने की शर्त पर रिहा करने का आदेश दिया है।
पुलिस ने किया था विरोध
दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा था कि संसद जैसी संवेदनशील जगह पर सुरक्षा में सेंध लगाना बेहद गंभीर अपराध है, इसलिए जमानत न दी जाए। लेकिन अदालत
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