‘सरकारी पैसे से पार्टी का एड’, दिल्ली LG ने दिया आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ वसूलने का आदेश

 

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23दिसंबर। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए साल 2015 के आदेश, दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दिए गए साल 2016 के आदेश और 2016 के ही सीसीआरजीए के आदेश के मद्देनजर आया है.

केजरीवाल का विज्ञापन खर्च:
◆ 2015-16 – 881.23 करोड़ रुपये
◆ 2016-17 – 867.25 करोड़ रुपये
◆ 2017-18 – 1117.76 करोड़ रुपये
◆ 2018-19 – 1245.54 करोड़ रुपये
◆ 2019-20 – 1199.99 करोड़ रुपये
◆ 2020-21 – 1293.16 करोड़ रुपये
◆ 2021-22 – 1765.87 करोड़ रुपये

दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने राजनीतिक विज्ञापनों को सरकारी विज्ञापन के रूप में प्रकाशित करने के लिए आप से 97 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश दिया है. एलजी ने इस भुगतान के लिए दिल्ली की आप सरकार को 15 दिनों का समय दिया है.

■ आरोप है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा इन आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है.

■ जनता के पैसे से अपनी छवि चमकाने के कारण ही केजरीवाल अब तक दिल्ली की जनता को साफ पानी तक नहीं उपलब्ध करा सके।

■ सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा गठित कमेटी CCRGA ने अरविंद केजरीवाल को 97 करोड़ रुपये सरकार के खजाने में जमा करने के लिए कहा है। यह मामला मार्च 2017 तक के लिए ही है, लेकिन तब से अब तक लगभग पांच साल बीत चुके हैं और इस दौरान भी केजरीवाल सरकार लगातार जनता के पैसे से अपना प्रचार करती रही।

■ इस मामले पर भी जांच होनी चाहिए कि केजरीवाल ने अब तक जनता का कितना पैसा अपने निजी प्रचार पर खर्च किया। इसे जनता को वापस किया जाना चाहिए।

■ 2013 के पहले तक दिल्ली की सरकारें अपने प्रचार पर 18 करोड़ रुपये वार्षिक तक ही खर्च करती थीं, लेकिन केजरीवाल के सत्ता में आने के बाद यह राशि बढ़कर लगभग 1800 करोड़ रुपये तक हो गई। सरकार ने इस साल इससे भी ज्यादा राशि विज्ञापन पर खर्च करने की योजना बनाई है।

सरकार का यह विज्ञापन भी उसकी पार्टी के अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से चलाया जा रहा था। इस तरह विज्ञापन के मामले में भी खर्च दिखाकर जनता के पैसे की लूट की गई। उन्होंने कहा कि यह घोटाला 97 करोड़ का नहीं, बल्कि 400 करोड़ रुपये का हो सकता है। इसकी सीबीआई जांच की जानी चाहिए।

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