राजनीति से उपर है जनता, कोरोना में राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा और विधायक तरुण भनोत ने पेश की मानवता की मिशाल

समग्र समाचार सेवा
जबलपुर, 19अप्रैल।

राजनीति का मतलब जन सेवा ना कि विरोध के नाम पर विरोध के लिए..कांग्रेस संस्कृति से अलग हटकर राज्य सभा सांसद विवेक तनखा व विधायक तरुण भनोत ने एक नयी मिसाल पेश की है। जी हां मध्यप्रदेश के लगभग सभी जिलों में कोरोना बेकाबू होता जा रहा हैं। पुरे प्रदेश से आए दिन रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आ रहे हैं। हालात ऐसे है कि अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की किल्लत शुरू हो गई हैं। ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ हैं। इसी बीच अब ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए राज्य सभा सांसद विवेक तनखा व विधायक तरुण भनोत जनता का साथ दिया औऱ उन्हें ऑक्सीजन मुहैया कराने का वादा किया उसके बाद अपना वादा पूरा भी किया।

अब राज्यसभा सांसद तथा उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने महाकौशल में हुए कोरोना विस्फोट पर चिंता जताते हुए अब यह ऐलान किया है कि वह एक करोड़ की राशि सांसद निधि से अर्पित करेंगे।

विवेक तन्खा ने ट्वीट करते हुए लिखा की – समय आ गया है civil administration आर्मी के मदद से जबलपुर में शीघ्र अति शीघ्र अस्थाई कोविड सेंटर स्थापित करे। पूर्ण महाकौशल क्षेत्र के #कोविड मरीज जो दर दर भटक रहे को राहत मिलेगी :: दिल्ली और रायपुर के तर्ज़ में :: ऐसे स्वास्थ्य यज्ञ में सांसद निधि से 1 करोड़ की राशि अर्पित करूँगा।

उन्होंने लिखा की – छत्तीसगढ़ से जबलपुर के लिए oxygen उपलब्ध हो सकता है :: मैंने भूपेश बघेल CM छत्तीसगढ़ से मदद की बात की। उन्होंने आश्वस्त किया कि यदि मप्र शासन शिवराज सिंह के तरफ़ से पहल होगी तो वह जबलपुर वसियों की मदद प्राथमिकता से करेंगे। रोज़ाना 24 टन oxygen की जबलपुर को आवश्यकता हैं।
बता दें कि दिल्ली में मौजूद राज्यसभा सांसद ने तत्काल संपर्क साधा और राउरकेला, उड़ीसा से दो टैंकरों में 34 टन ऑक्सीजन जबलपुर के लिए निकल पड़ी। महज 16 घंटे के भीतर दोनों टैंकर साँसों के लिए छटपटा रहे शहर में मानो संजीवनी लेकर पहुँच गए।
खास बात यह है कि ऑक्सीजन निजी मद से मुहैया कराई गई है। टैंकर रविवार की शाम को भनोत हाउस गोरखपुर पहुँचे। विधायक तरुण भनोत टैंकरों के साथ खुद मेडिकल अस्पताल पहुँचे। जहाँ एक टैंकर मेडिकल को दिया गया, जबकि दूसरे को कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने अन्य जरूरत के हिसाब से रिजर्व रखा है, ताकि अचानक शॉर्टेज आने की स्थिति में आपूर्ति की जा सके।

जानकारी के अनुसार विधायक और सांसद के बीच फोन पर बात होने के साथ ही ऑक्सीजन के लिए प्रयास शुरू किए गए। जानकारी के अनुसार श्री तन्खा ने अपने मित्र नवीन जिंदल से मदद माँगी। इसके बाद तकरीबन 700 किमी दूर राउरकेला फैक्ट्री से दो टैंकर रवाना किए गए। पता चला है कि सामान्य तौर पर 20 घंटे की दूरी महज 16 घंटे में ही पूरी कर ली गई।

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