यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 8फरवरी।

उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संक्षिप्त सुनवाई के बाद खारिज कर दिया है।
बता दें कि इस याचिका में यूपी में खराब कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि उत्तर प्रदेश में अपराध दर बढ़ गई है और संवैधानिक मशीनरी भी टूट चुकी है। याचिका में यूपी में सबसे खराब क्राइम रिकॉर्ड का दावा किया गया है।

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा, “आपने कितने राज्यों के अपराध रिकॉर्ड का अध्ययन किया है?” इस पीठ में न्यायाधीश एएस बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यन भी शामिल थे. पीठ ने याचिकाकर्ता-इन-पर्सन वकील सीआर जय सूकिन को चेतावनी दी कि वह याचिका की प्रकृति को देखते हुए उन पर भारी जुर्माना लगा सकते हैं।

जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु के रहने वाले वकील सीआर जयासुकिन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में हाथरस मामले का हवाला देते हुए कहा गया कि यूपी में मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है, लिहाजा राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
सूकिन की ओर से उनकी दलीलें सुनने के लिए लगातार किए जा रहे प्रयास के बाद प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “क्या आपने अन्य राज्यों के अपराध रिकॉर्ड का अध्ययन किया है? रिसर्च कहां है?” इस पर सूकिन ने उत्तर दिया कि राष्ट्रीय आंकड़ों की तुलना में उत्तर प्रदेश में लगभग 30 प्रतिशत अपराध हुए हैं।

 

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