समग्र समाचार सेवा,
नई दिल्ली, 9 जून: देश में एक बार फिर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया है। वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का असर भारत के स्थानीय खुदरा बाजार पर भी दिखाई दिया है। सोमवार को सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की नई दरें जारी कीं, जिनमें कुछ शहरों में दाम बढ़े हैं, तो कुछ क्षेत्रों में मामूली राहत भी मिली है।
यूपी और बिहार में दामों में मिला-जुला असर
- गौतमबुद्ध नगर (नोएडा):
पेट्रोल 8 पैसे महंगा होकर 85 रुपये प्रति लीटर हो गया है, जबकि डीजल 9 पैसे बढ़कर 87.98 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। - गाजियाबाद:
यहां पेट्रोल में 96 पैसे की गिरावट आई है और नई कीमत 44 रुपये प्रति लीटर है। डीजल भी 1.09 रुपये सस्ता होकर 87.51 रुपये प्रति लीटर पर आ गया है। - पटना (बिहार):
पेट्रोल 18 पैसे सस्ता होकर 23 रुपये प्रति लीटर हो गया है, जबकि डीजल 17 पैसे घटकर 91.49 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। इससे स्थानीय उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली है।
देश के चार प्रमुख महानगरों में दाम स्थिर
दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे मेट्रो शहरों में ईंधन के दाम स्थिर बने हुए हैं।
शहर | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीजल (₹/लीटर) |
दिल्ली | 94.72 | 87.62 |
मुंबई | 103.44 | 89.97 |
चेन्नई | 100.76 | 92.35 |
कोलकाता | 104.95 | 91.76 |
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी
ब्रेंट क्रूड की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 66.43 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है, जो बीते छह महीनों में सबसे ऊंचा स्तर है। वहीं, डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल की कीमत 64.55 डॉलर प्रति बैरल दर्ज की गई है। यह उछाल सीधे तौर पर भारत जैसे आयात-निर्भर देश के ईंधन बाजार पर प्रभाव डालता है।
कैसे तय होती है ईंधन की कीमत?
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोजाना सुबह 6 बजे अपडेट होती हैं। इन दरों में शामिल होते हैं:
- कच्चे तेल की कीमतें
- एक्साइज ड्यूटी
- वैट (राज्य कर)
- डीलर का कमीशन
इन्हीं सब टैक्स और शुल्क के कारण उपभोक्ताओं तक पहुंचने वाली कीमत अंतरराष्ट्रीय दरों की तुलना में ज्यादा होती है।
उपभोक्ताओं के लिए सुझाव
ईंधन की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव को देखते हुए विशेषज्ञों का सुझाव है कि:
- वाहन का सिर्फ आवश्यकता अनुसार ही उपयोग करें।
- कार पूलिंग और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दें।
- ईंधन की बचत तकनीकों को अपनाएं जैसे कि टायर प्रेशर बनाए रखना, अनावश्यक आइडलिंग से बचना आदि।
- इलेक्ट्रिक वाहनों और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को अपनाने पर विचार करें।
सरकार भी वैकल्पिक ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और तेल पर निर्भरता कम करने के प्रयासों में जुटी है।
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