समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27 अप्रैल। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दो साल पहले हुए दंगे की तरह ही जहांगीरपुरी में भी हिंसा की साजिश रची गई थी। क्राइम ब्रांच से जुड़े सूत्रों की मानें तो इसके लिए न सिर्फ पीएफआई ने फंडिंग की है, बल्कि कई दिन पहले से इसकी साजिश रचना भी शुरू कर दिया था।
हिंसा की योजना पहले ही बना ली गई थी
यही नहीं, हनुमान जन्मोत्सव के एक दिन पहले ही पीएफआई के सदस्यों ने जहांगीरपुरी में बैठक कर शोभायात्रा को बाधित करने और हिंसा को अंजाम देने की रणनीति तैयार की थी। इस बैठक में अंसार, सोनू चिकना और सलीम सहित करीब 25 लोग शामिल हुए थे। हालांकि, क्राइम ब्रांच के अधिकारी इस बारे में अभी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
सीएए और एनआरसी विरोध में प्रदर्शनों में नाम आया था सामने
फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे और शाहीन बाग के प्रदर्शन के मामले में पीएफआई की संलिप्तता का पहली बार पता चला था। क्राइम ब्रांच के सूत्रों की मानें तो इन दंगों में जिस तरह से पीएफआई के जरिये फंडिंग की गई थी। ठीक उसी तरह से जहांगीरपुरी हिंसा के लिए फंडिंग किए जाने की जानकारी क्राइम ब्रांच को अब तक की जांच में मिली है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली से भी बड़ा दंगा कराने की थी साजिश
क्राइम ब्रांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, उत्तर-पूर्वी दिल्ली से भी बड़ा दंगा कराने की साजिश जहांगीरपुरी में रची गई थी। इसके लिए पीएफआई के सदस्यों ने कई बैठकें की थीं। इसके बाद उपद्रवियों को हथियार मुहैया कराए गए थे। उपद्रवियों को उम्मीद थी कि शोभायात्रा पर पथराव और फायरिंग करते ही भगदड़ मच जाएगी। इसमें कई लोगों की जान जाएगी और बड़े स्तर पर हिंसा भड़केगी। इसके लिए पीएफआई के करीब 20 सदस्य लोगों को उकसाने के लिए हिंसा वाले दिन जहांगीरपुरी में मौजूद थे।
पूरक आरोप पत्र में पीएफआई का लिंक उजागर
दिल्ली दंगा मामले में पिछले दिनों जो पूरक आरोप पत्र दायर किया गया है। उसमें भी पीएफआई का लिंक उजागर हुआ है। आरोप पत्र में इस संगठन के तार आतंकी डा.सबील अहमद से जुड़े होने की बात कही गई है। सबील अहमद स्काटलैंड के ग्लासगो एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है। एनआईए ने इसी आरोप पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि सबील व अन्य आतंकियों से पीएफआई का संपर्क है।
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