समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18 जून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल ही में फोन पर लंबी बातचीत हुई। प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के अनुरोध पर ऑपरेशन सिंदूर रोका गया था, न कि अमेरिका की मध्यस्थता या किसी व्यापारिक सौदे के कारण। पीएम मोदी का यह बयान उस समय आया है जब भारत की विपक्षी पार्टियां बार-बार यह आरोप लगाती रही हैं कि केंद्र सरकार ने अमेरिका के दबाव में आकर पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई रोकी।
पीएम मोदी की इस सफाई के बाद शिवसेना (उद्धव गुट) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने केंद्र सरकार के दावे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि यह बात सही है तो इसे खुद डोनाल्ड ट्रंप को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार करना चाहिए। संजय राउत ने तंज कसते हुए कहा, “मोदी के लोग कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन जब तक ट्रंप खुद यह न कहें, तब तक इस पर भरोसा करना मुश्किल है।”
पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की यह बातचीत उस समय हुई जब कनाडा में जी-7 सम्मेलन के इतर दोनों नेताओं की बैठक की संभावना थी। लेकिन इजराइल-ईरान संघर्ष के चलते ट्रंप समय से पहले ही कनाडा से रवाना हो गए। इसके बाद ट्रंप ने पीएम मोदी को फोन किया। सूत्रों के मुताबिक ट्रंप ने पीएम मोदी से यह भी पूछा कि क्या वह भारत लौटते समय अमेरिका होकर जा सकते हैं, लेकिन पीएम मोदी ने विनम्रता से इनकार कर दिया।
डोनाल्ड ट्रंप का पुराना ट्वीट इस पूरे विवाद की जड़ में है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही लड़ाई को अमेरिका की मध्यस्थता से रोका गया। भारत सरकार ने इस दावे को शुरुआत से ही खारिज कर दिया था और कहा था कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत से संपर्क कर युद्धविराम की मांग की थी, जिसके बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों में सहमति बनी। सरकार का कहना है कि इस प्रक्रिया में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी।
बातचीत को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप से साफ शब्दों में कहा कि भारत कभी भी किसी बाहरी मध्यस्थता को नहीं मानता और ना ही भविष्य में स्वीकार करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की नीति संप्रभुता और आत्मनिर्णय पर आधारित है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
इस बयानबाज़ी के बीच संजय राउत ने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि यदि डोनाल्ड ट्रंप खुद यह कह दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच जंग को उन्होंने नहीं रुकवाया, तो वे अपने बयान वापस ले लेंगे। लेकिन केवल प्रधानमंत्री मोदी की कही बात पर यकीन करना मुश्किल है। विपक्ष का कहना है कि यह मुद्दा सिर्फ कूटनीति का नहीं, बल्कि देश की गरिमा और संप्रभुता का है।
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