PM मोदी ने BRICS सम्मेलन में दिया वैश्विक संस्थाओं में सुधार का मंत्र
"आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस जरूरी"
समग्र समाचार सेवा
रियो डी जेनेरियो, 7 जुलाई — ब्राज़ील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें BRICS शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक शासन संस्थाओं में व्यापक सुधार की पुरजोर माँग की। उन्होंने कहा कि 20वीं सदी की संस्थाएँ 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में अक्षम हैं। इस मौके पर ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा ने सम्मेलन की मेज़बानी की।
प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन सत्र में “वैश्विक शासन में सुधार और शांति-सुरक्षा” विषय पर बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक और WTO जैसे संस्थानों में सुधार की ज़रूरत को रेखांकित किया। उन्होंने एक “बहुध्रुवीय और समावेशी विश्व व्यवस्था” का आह्वान किया।
UNSC में सुधार की ज़रूरत
पीएम मोदी ने BRICS नेताओं को UNSC सुधार के मुद्दे को ज़ोरदार तरीके से उठाने और इस विषय पर ‘रियो डी जेनेरियो घोषणा’ में मज़बूत भाषा शामिल करने के लिए धन्यवाद दिया।
“आतंकवाद मानवता पर हमला है”
शांति और सुरक्षा के मुद्दे पर बोलते हुए पीएम मोदी ने अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले को सिर्फ भारत पर नहीं बल्कि पूरी मानवता पर हमला बताया। उन्होंने आतंकवाद का समर्थन, वित्तपोषण और संरक्षण करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की माँग की। BRICS नेताओं द्वारा हमले की निंदा करने के लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया और आतंकवाद के प्रति “ज़ीरो टॉलरेंस नीति” अपनाने का आह्वान किया।
“संवाद और कूटनीति से हल हों वैश्विक संघर्ष”
पश्चिम एशिया और यूरोप में जारी संघर्षों पर चिंता व्यक्त करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत सदैव संवाद और कूटनीति के माध्यम से समाधान का पक्षधर रहा है और वैश्विक शांति प्रयासों में रचनात्मक भूमिका निभाने को तैयार है।
AI और आर्थिक सहयोग पर मोदी का रोडमैप
“बहुपक्षवाद, आर्थिक-वित्तीय मामले और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” सत्र में मोदी ने BRICS की बदलती भूमिका पर 4 प्रमुख प्रस्ताव रखे:
न्यू डेवलपमेंट बैंक के परियोजनाएँ ज़रूरत आधारित और टिकाऊ हों।
वैश्विक दक्षिण के लिए एक विज्ञान एवं अनुसंधान भंडार बने।
महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति शृंखलाएँ सुरक्षित की जाएँ ।
नवाचार और नियंत्रण में संतुलन रखने वाली AI नीति बने।
सम्मेलन के अंत में ‘रियो डी जेनेरियो घोषणा’ को अपनाया गया, जिसमें बहुपक्षवाद, सतत विकास और नई तकनीकों में सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई गई। पीएम मोदी ने ब्राज़ील सरकार और राष्ट्रपति लूला का हार्दिक आभार व्यक्त किया।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.