समग्र समाचार सेवा
वाराणसी, 30 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2 अगस्त 2025 को PM किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त जारी करेंगे। इस बार प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक भव्य समारोह में 9.7 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में लगभग ₹20,500 करोड़ की राशि ट्रांसफर करेंगे।
इस कार्यक्रम को लेकर तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए बुधवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम को अभियान के रूप में मनाने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया।
देशभर के कृषि संस्थानों की भागीदारी
बैठक में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), 731 कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों के निदेशक, कुलपति एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि राष्ट्रीय, राज्य, जिला और पंचायत स्तर तक किसानों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस कार्यक्रम को “किसान गौरव सप्ताह” के रूप में प्रचारित किया जाए, ताकि किसानों में जागरूकता बढ़े और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर मिले।
2019 से अब तक ₹3.69 लाख करोड़ ट्रांसफर
गौरतलब है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत वर्ष 2019 में हुई थी। इस योजना के तहत हर योग्य किसान परिवार को वर्ष में ₹6000 की सहायता राशि तीन बराबर किस्तों में दी जाती है। योजना के तहत अब तक 19 किस्तों में कुल ₹3.69 लाख करोड़ की राशि किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है।
वाराणसी से सीधे जुड़ेंगे देशभर के किसान
केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि 2 अगस्त को वाराणसी से डिजिटल माध्यम से देशभर के किसान लाइव जुड़ेंगे। इस मौके पर विभिन्न जिलों में भी समारोहों का आयोजन किया जाएगा। किसानों को इस अवसर पर आधुनिक कृषि तकनीकों, बीज वितरण, मृदा परीक्षण और जल संरक्षण जैसी सेवाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी।
सरकार की प्राथमिकता में किसान
इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि किसान कल्याण उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। केंद्र का उद्देश्य है कि सीधी सहायता, डिजिटल पारदर्शिता और सशक्तिकरण के ज़रिए किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाए।
PM किसान योजना की 20वीं किस्त का यह कार्यक्रम न केवल वित्तीय सहायता है, बल्कि यह किसानों के साथ सरकार की प्रतिबद्धता और संवाद का प्रतीक भी है। वाराणसी से होने वाले इस ऐतिहासिक ट्रांसफर से किसानों में विश्वास बढ़ेगा और योजना की सफलता को और बल मिलेगा।
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