प्रधानमंत्री ने अरावली को फिर से हरा-भरा बनाने का संकल्प लिया, ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल को दिया विस्तार

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5 जून: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के भगवान महावीर वनस्थली उद्यान में एक पौधा लगाकर वृक्षारोपण अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया। इस दौरान उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल को और व्यापक बनाने तथा अरावली ग्रीन वॉल परियोजना के तहत अरावली पर्वत श्रृंखला को पुनः एक संपूर्ण वन क्षेत्र में बदलने का संकल्प लिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में विश्व की सबसे प्राचीन पर्वतमालाओं में से एक, अरावली पर्वतमाला के महत्व पर जोर दिया, जो गुजरात, राजस्थान, हरियाणा से लेकर दिल्ली तक फैली हुई है। उन्होंने स्वीकार किया कि यह क्षेत्र अनेक पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहा है, और सरकार इन समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।

अरावली ग्रीन वॉल परियोजना: नई तकनीकें और युवा भागीदारी
प्रधानमंत्री ने बताया कि अरावली पर्वतमाला और उसके आसपास पारंपरिक वृक्षारोपण विधियों के अलावा, नई तकनीकों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा, खासकर शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में जहां जगह की कमी है। उन्होंने यह भी बताया कि वृक्षारोपण गतिविधियों को जियो-टैग किया जाएगा और ‘मेरी लाइफ’ पोर्टल पर उनकी निगरानी की जाएगी, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।

श्री मोदी ने देश के युवाओं से इस हरित आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने और पृथ्वी के हरित आवरण को बढ़ाने में योगदान देने का आग्रह किया।

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी एक श्रृंखला में प्रधानमंत्री ने कहा, “आज, विश्व पर्यावरण दिवस पर, हमने एक विशेष वृक्षारोपण अभियान के साथ एक पेड़ मां के नाम पहल को मजबूत किया। मैंने दिल्ली के भगवान महावीर वनस्थली उद्यान में एक पौधा लगाया। यह अरावली पर्वतमाला को फिर से वनीकरण करने के हमारे प्रयास- अरावली ग्रीन वॉल परियोजना का एक हिस्सा भी है।”

उन्होंने आगे कहा, “यह सर्वविदित है कि अरावली पर्वत श्रृंखला हमारी पृथ्वी पर सबसे पुरानी पर्वतमालाओं में से एक है, जिसमें गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली शामिल हैं। पिछले कई वर्षों में इस पर्वतमाला से संबंधित कई पर्यावरणीय चुनौतियाँ सामने आई हैं, जिन्हें कम करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। हमारा ध्यान इस पर्वतमाला से जुड़े क्षेत्रों का कायाकल्प करने पर है। हम संबंधित स्थानीय प्रशासनों के साथ मिलकर कार्य करने जा रहे हैं और इसके अंतर्गत जल प्रणालियों में सुधार, धूल भरी आंधियों पर अंकुश लगाने, थार रेगिस्तान के पूर्व की ओर विस्तार को रोकने आदि जैसी मुद्दों पर बल देने जा रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा, “अरावली पर्वतमाला और उसके बाहर, पारंपरिक पौधरोपण विधियों के अलावा, हम नई तकनीकों को प्रोत्साहित करेंगे, विशेष रूप से शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, जहां जगह की कमी है। पौधरोपण गतिविधियों को जियो-टैग किया जाएगा और मेरी लाइफ पोर्टल पर उनकी निगरानी की जाएगी। मैं अपने देश के युवाओं से इस आंदोलन में भाग लेने और हमारी पृथ्वी के हरित आवरण में योगदान देने का आह्वान करता हूं।”

यह पहल पर्यावरण संरक्षण और देश के हरित भविष्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

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