स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे पीएम मोदी, मोरबी हादसे पर हुए भावुक

समग्र समाचार सेवा
केवड़िया, 31अक्टूबऱ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर गुजरात के केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस में हिस्सा लिया. इससे पहले वह स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस मौके पर पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि एक तरफ मोरबी का दुखदायी हादसा परेशान करने वाला है, मन करुणा से भरा हुआ है. उन्होंने कहा कि मेरा मन मोरबी में लगा हुआ है. इस दौरान पीएम मोदी भावुक हो गए.

पीएम मोदी ने कहा कि मैं यहां एकता नगर में हूं लेकिन मेरा मन मोरबी के पीड़ितों से जुड़ा हुआ है. हादसे में जिन लोगों ने जान गंवाई है मैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. उन्होंने कहा कि सरकार हर तरह से पीड़ित परिवारों के साथ है. गुजरात सरकार कल शाम से ही राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है. केंद्र सरकार से गुजरात सरकार को हर संभव मदद दी जा रही है. NDRF और सेना तैनात है.पीएम मोदी ने आश्वासन दिया है कि बचाव और राहत कार्य में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. सरदार पटेल की जयंती को ‘एकता दिवस’ के रूप में मनाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की ‘‘एकता’’ से हमारे दुश्मन दुखी हैं, उन्होंने अतीत में जब भी हम पर शासन किया, इसे तोड़ने की कोशिश की.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में राष्ट्रीय एकता दिवस का बहुत विशेष अवसर के रूप में मैं इसे देख रहा हूं। ये वो वर्ष है जब हमने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं। हम नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आज एकता नगर में ये जो परेड हुई है, हमें इस बात का अहसास भी दिला रही है कि जब सब एक साथ चलते हैं, एक साथ आगे बढ़ते हैं, तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। आज यहां देशभर से आए हुए कुछ कालकार सांस्कृतिक कार्यक्रम भी करने वाले थे। भारत के विविध नृत्यों को भी प्रदर्शित करने वाले थे। लेकिन कल की घटना इतनी दुख:द थी कि आज के इस कार्यक्रम में से उस कार्यक्रम को हटा दिया गया। मैं उन सभी कलाकारों से उनका यहां तक आना, उन्होंने जो पिछले दिनों मेहनत की है लेकिन आज उनको मौका नहीं मिला। मैं उनके दुख को समझ सकता हूं लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि ये एकजुटता, ये अनुशासन, परिवार, समाज, गाँव, राज्य और देश, हर स्तर पर आवश्यक है। और इसके दर्शन आज हम देश के कोने-कोने में कर भी रहे हैं। आज देश भर में 75 हजार एकता दौड़ Run for Unity हो रही हैं, लाखों लोग जुड़ रहे हैं। देश का जन-जन लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की संकल्पशक्ति से प्रेरणा ले रहा है। आज देश का जन-जन अमृतकाल के ‘पंच प्राणों’को जागृत करने के लिए राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए संकल्प ले रहा है।

भारत की यही एकता हमारे दुश्मनों को खटकती है। आज से नहीं बल्कि सैकड़ों वर्षों पहले गुलामी के लंबे कालखंड में भी भारत की एकता हमारे दुश्मनों को चुभती रही है। इसलिए गुलामी के सैकड़ों वर्षों में हमारे देश में जितने भी विदेशी आक्रांता आए, उन्होंने भारत में विभेद पैदा करने के लिए हर मुमकिन कोशिश की। उन्होंने भारत को बांटने के लिए, भारत को तोड़ने के लिए सब कुछ किया। हम फिर भी उसका मुक़ाबला कर सके, क्योंकि एकता का अमृत हमारे भीतर जीवंत था, जीवंत धारा के रूप में बह रहा था। लेकिन, वो कालखंड लंबा था। जो जहर उस दौर में घोला गया, उसका नुकसान देश आज भी भुगत रहा है। इसलिए ही हमने बंटवारा भी देखा, और भारत के दुश्मनों को उसका फायदा उठाते भी देखा। इसलिए हमें आज बहुत सावधान भी रहना है! अतीत की तरह ही, भारत के उत्कर्ष और उत्थान से परेशान होने वाली ताक़तें आज भी मौजूद हैं। वो आज भी हमें तोड़ने की, हमें बांटने की हर कोशिश करती हैं। हमें जातियों के नाम पर लड़ाने के लिए तरह-तरह के नैरेटिव गढ़े जाते हैं। प्रान्तों के नाम पर हमें बांटने की कोशिश होती है। कभी एक भारतीय भाषा को दूसरी भारतीय भाषा का दुश्मन बताने के लिए कैम्पेन चलाए जाते हैं। इतिहास को भी इस तरह पेश किया जाता है ताकि देश के लोग जुड़ें नहीं, बल्कि एक दूसरे से दूर हों!

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारे देश के करोड़ों लोगों ने दशकों तक अपनी मौलिक जरूरतों के लिए भी लंबा इंतजार किया है। बुनियादी सुविधाओं के बीच की खाई, जितनी कम होगी, उतनी ही एकता भी मजबूत होगी। इसलिए आज देश में सैचुरेशन के सिद्धांत पर काम हो रहा है। लक्ष्य ये कि हर योजना का लाभ, हर लाभार्थी तक पहुंचे। इसलिए आज Housing for All, Digital Connectivity for All, Clean Cooking for All, Electricity for All, ऐसे अनेक अभियान चलाए जा रहे हैं। आज शत प्रतिशत नागरिकों तक पहुँचने का ये मिशन केवल एक जैसी सुविधाओं का ही मिशन नहीं है। ये मिशन एकजुट लक्ष्य, एकजुट विकास और एकजुट प्रयास का भी मिशन है। आज जीवन की मौलिक जरूरतों के लिए शत प्रतिशत कवरेज देश और संविधान में सामान्य मानवी के विश्वास का माध्यम बन रहा है। ये सामान्य मानवी के आत्मविश्वास का माध्यम बन रहा है। यही सरदार पटेल के भारत का विज़न है- जिसमें हर भारतवासी के लिए समान अवसर होंगे, समानता की भावना होगी। आज देश उस विज़न को साकार होते देख रहा है।

पीएम मोदी ने अन्त में कहा कि मुझे विश्वास है, सरदार साहब की प्रेरणा राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए निरंतर हम सबका मार्गदर्शन करेगी। हम सब मिलकर सशक्त भारत का सपना पूरा करेंगे। इसी विश्वास के साथ, मैं आप सबसे आग्रह करुंगा मैं जब कहूंगा सरदार पटेल – आप दो बार बोलेंगे अमर रहे, अमर रहे,।

पीएम मोदी ने सरदार पटेल- अमर रहे और भारत माता की – जय नारे के साथ में अपना सम्बोधन समाप्त किया।

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