कोरोना के बढ़ते मामलों पर सख्त हुए पीएम मोदी, बैठक में दवाई से लेकर टीकाकरण तक राज्य सरकारों को दिए कड़े निर्देश

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6मई। देश में कोरोना मामलों के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ी बैठक की। इस बैठक में देश सभी राज्यों में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। पीएम मोदी ने बैठक में दवाइयों की कमी और टीकाकरण को लेकर आवश्यक निर्देश दिए साथ ही राज्यों में कोरोना टीकाकरण की गति में तेजी लाने के भी निर्देश दिए।

जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी ने ऐसे राज्य जहां 1 लाख से अधिक सक्रिय मामलें है वहां स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए सख्त निर्देश दिए।

पीएम मोदी नें इस अहम बैठक में कोरोना की रोकथाम के लिए त्वरित और समग्र उपायों को सुनिश्चित करने के उपायों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे जिलों की पहचान करने के लिए एक एडवाइजरी भेजी गई थी, जहां केस पॉजिटिविटी 10% या उससे अधिक है और ऑक्सीजन सपोर्टेड या ICU बेड 60% से ज्यादा भरे हुए हैं। ऐसे जिलों में जल्द से जल्द आवश्यकताओं की पूर्ति की जाए।

साथ ही पीएम मोदी ने निर्देश दिए कि आवश्यक दवाएं जिनकी बाजार में कमी देखी गई है उनके उत्पादन में तेजी से वृद्धि की जाए जिससे रेमेडेसिवीर सहित सभी दवाओं की आपूर्ति मरीजों के लिए हो सके। पीएम ने अगले कुछ महीनों में टीकों पर उत्पादन बढ़ाने के लिए टीकाकरण और रोडमैप की प्रगति की समीक्षा की।

इस बैठक के दौरान पीएम मोदी को राज्य सरकारों द्वारा अवगत कराया गया कि राज्यों को करीब 17.7 करोड़ टीके भेजे जा चुके हैं जिसमें करीब 45 साल तक की उम्र के लगभर 31 प्रतिशत पात्र लोगों को कम से कम वैक्सीन की एक डोज दी जा चुकी है।

पीएम मोदी ने कहा कि राज्यों को इस बात का निर्देश दिया जाना चाहिए कि टीकाकरण की गति धीमी नहीं होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद नागरिकों को टीकाकरण की सुविधा दी जानी चाहिए और टीकाकरण में शामिल स्वास्थ्य कर्मियों को दूसरे कामों के लिए डायवर्ट नहीं किया जाना चाहिए।
इस बैठक में राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण, डॉ. हर्षवर्धन, पीयूष गोयल और मनसुख मांडविया सहित अन्य मंत्री और शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।

 

 

 

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