पीएम मोदी ने आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ पर संगठन की सराहना की, राष्ट्र सेवा और अनुशासन पर दिया जोर

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 साल पूरे होने के अवसर पर संगठन की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि आरएसएस की असली ताकत भावना और अनुशासन में निहित है।

पीएम मोदी ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक हर कार्य में ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना को सर्वोपरि रखते हैं। उन्होंने आरएसएस की स्थापना के पीछे के उद्देश्य को याद करते हुए कहा कि केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी के दिन संगठन की नींव रखकर देश को बौद्धिक गुलामी से मुक्त कराने का मार्ग प्रशस्त किया।

मोदी ने एमएस गोलवलकर की भी प्रशंसा की और बताया कि उनका कथन, “यह मेरा नहीं है, यह राष्ट्र का है”, लाखों स्वयंसेवकों को त्याग और सेवा की ओर प्रेरित करता है। पीएम मोदी ने कहा, “त्याग, सेवा और अनुशासन ही संघ की वास्तविक शक्ति हैं। सौ वर्षों से भी अधिक समय से संघ राष्ट्र सेवा में निरंतर जुटा हुआ है।”

हाल ही में प्रधानमंत्री ने कई मौकों पर संगठन की प्रशंसा की है। स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में उन्होंने आरएसएस का उल्लेख किया और 11 सितंबर को प्रमुख मोहन भागवत के नेतृत्व की सराहना भी की। आगामी विजयादशमी पर आरएसएस 100 वर्षों का जश्न मनाएगा। मोदी ने कहा कि संगठन की स्थापना के समय देश लंबे समय से गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था और राष्ट्रीय स्वाभिमान चोटिल था।

पीएम मोदी ने कहा कि संघ का ध्येय बौद्धिक गुलामी से मुक्ति दिलाना रहा है। उन्होंने बताया कि देशवासियों को हीन भावना से बाहर निकालना और आत्मविश्वास लौटाना संगठन की प्राथमिकता रही है। प्राकृतिक आपदाओं के समय आरएसएस के स्वयंसेवक सबसे पहले सहायता के लिए पहुंचते हैं।

मोदी ने स्वदेशी और खादी को भी संबोधित किया। उन्होंने दो अक्टूबर गांधी जयंती पर लोगों से खादी की वस्तुएं खरीदने का आग्रह किया और ‘वोकल फॉर लोकल’ को खरीदारी का मंत्र बनाने पर जोर दिया। पीएम ने कहा, “जब हम देश में बने सामान को चुनते हैं, तो हम सिर्फ उत्पाद नहीं खरीदते, बल्कि किसी कारीगर की मेहनत, परिवार की उम्मीद और युवा उद्यमी के सपनों को सम्मान देते हैं।”

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कोलकाता की दुर्गा पूजा और छठ पर्व को UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल करने के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने नौसेना की महिला अधिकारियों लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और रूपा के साहस और संकल्प की भी प्रशंसा की।

आगामी गांधी जयंती और रामायण के आदर्शों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि भगवान राम और निषादराज के मंदिर में दर्शन करके सेवा, सद्भाव और करुणा की भावना को अपनाना चाहिए। उन्होंने असम के प्रसिद्ध गायक जुबिन गर्ग को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

पीएम मोदी का यह संदेश राष्ट्रभक्ति, अनुशासन, स्वदेशी और सांस्कृतिक गौरव को जोड़ते हुए युवाओं और जनता को प्रेरित करता है।

 

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