प्रधानमंत्री मोदी ने मलेशिया के प्रधानमंत्री से की बातचीत, ASEAN अध्यक्षता पर दी बधाई

भारत-आसियान संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की प्रतिबद्धता दोहराई, प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअली जुड़ेंगे आसियान-भारत शिखर सम्मेलन से

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को आसियान अध्यक्षता की जिम्मेदारी सँभालने पर बधाई दी।
  • मोदी ने आसियान-संबंधित सम्मेलनों की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।
  • प्रधानमंत्री ने आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।
  • मोदी वर्चुअली जुड़ेंगे आगामी आसियान-भारत शिखर सम्मेलन से।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के साथ गुरुवार को एक सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक बातचीत की। इस दौरान उन्होंने मलेशिया द्वारा आसियान (ASEAN) की अध्यक्षता संभालने पर प्रधानमंत्री इब्राहिम को हार्दिक बधाई दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत, आसियान के साथ अपने परंपरागत मित्रवत संबंधों और क्षेत्रीय साझेदारी को और भी गहराई देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगामी आसियान-संबंधित सम्मेलनों के सफल आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं भी प्रेषित कीं।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि वे आगामी आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में वर्चुअल माध्यम से भाग लेंगे, ताकि दोनों पक्षों के बीच विविध क्षेत्रों, जैसे व्यापार, डिजिटल सहयोग, आपूर्ति श्रृंखला, शिक्षा और सतत विकास में सहयोग को और प्रगाढ़ बनाया जा सके।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर भी इस संवाद की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा कि उन्होंने अपने “प्रिय मित्र” प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से गर्मजोशीभरी बातचीत की और उनके आसियान नेतृत्व के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

भारत और मलेशिया ने बीते कुछ वर्षों में व्यापार, निवेश, सुरक्षा सहयोग और क्षेत्रीय संपर्क को लेकर कई अहम समझौतों पर काम किया है। मलेशिया इस वर्ष आसियान (ASEAN) की अध्यक्षता कर रहा है, जो पूर्वी और दक्षिण-पूर्व एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाला प्रमुख संगठन है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत, आसियान की व्यापक रणनीतिक साझेदारी (CSP – Comprehensive Strategic Partnership) के ढांचे के अंतर्गत दीर्घकालिक संबंधों को और सशक्त बनाने के लिए पूर्ण रूप से समर्पित है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत-आसियान संबंध हिंद-प्रशांत (इंडो-पैसिफिक) क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि की आधारशिला

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