पीएम मोदी ने गुजरात को दी एक और सौगात, सूरत से भावनगर के बीच रो-पैक्स फेरी सेवा की शुरुआत

समग्र समाचार सेवा
गुजरात, 8नवंबर।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात को एक और सौगात दी है जी हां प्रधानमंत्री ने आज सूरत को सौराष्ट्र से जलमार्ग से जोड़ने वाले हजीरा-घोघा रो-पैक्स फेरी सेवा का उद्घाटन किया। इसके बाद घोघा और हजीरा के बीच सड़क मार्ग की जो दूरी 375 किलोमीटर की है, वो समंदर के रास्ते घटकर सिर्फ 90 किलोमीटर ही रह जाएगी। फेरी सेवा की शुरुआत के बाद समय और ईंधन की बचत होगी और राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में पर्यावरण और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि सबसे बड़ी बात ये है कि गुजरात के एक बड़े व्यापारिक केंद्र के साथ सौराष्ट्र की ये कनेक्टिविटी इस क्षेत्र के जीवन को बदलने वाली है. अब सौराष्ट्र के किसानों और पशुपालकों को सब्जी, फल और दूध को सूरत पहुंचाने में ज्यादा आसानी होगी. उन्होंने कहा कि गुजरात में रोपैक्स फेरी सेवा शुरू करने में कई लोगों का श्रम लगा है. इसे पूरा करने में कई कठिनाइयां भी आईं. मैं उन सभी साथियों का आभारी हूं, उन तमाम इंजीनियर्स का, श्रमिकों का आभार व्यक्त करता हूं, जो हिम्मत के साथ डटे रहे और आज सपने को साकार करके दिखाया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे प्रयासों से गुजरात के पोर्ट सेक्टर को नई दिशा मिली है. सिर्फ पोर्ट में फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण ही नहीं, उसके आस पास रहने वाले लोगों के जीवन आसान करने के लिए भी बहुत काम किया गया है. उन्होंने कहा कि आज गुजरात में समुद्री कारोबार से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपेसिटी बिल्डिंग पर तेज़ी से काम चल रहा है. जैसे गुजरात मेरीटाइम क्लस्टर, गुजरात समुद्री विश्वविद्यालय, भावनगर में सीएनजी टर्मिनल, ऐसी अनेक सुविधाएं गुजरात में तैयार हो रही हैं.

पीएम ने कहा कि सरकार का प्रयास, घोघा-दाहेज के बीच फेरी सर्विस को भी जल्द फिर शुरू करने का है. इस प्रोजेक्ट के सामने प्रकृति से जुड़ी अनेक चुनौतियां सामने आ खड़ी हुई हैं. उन्हें आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. समुद्री व्यापार-कारोबार के लिए एक्सपर्ट तैयार हों, trained मैनपावर हो, इसके लिए गुजरात मेरीटाइम यूनिवर्सिटी बहुत बड़ा सेंटर है. आज यहां समुद्री कानून और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून की पढ़ाई से लेकर मैरीटाइम मैनेजमेंट, शिपिंग और लॉजिस्टिक्स में MBA तक की सुविधा मौजूद है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज देश भर की समुद्री सीमा में पोर्ट्स की कैपिसिटी को भी बढ़ाया जा रहा है. नए पोर्ट्स का भी तेजी से निर्माण हो रहा है. देश के पास करीब 21 हजार किमी का जो जलमार्ग है, वो अधिक से अधिक कैसे देश के काम आए, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज की रोपैक्स फेरी सेवा हो या कुछ दिन पहले शुरू की गई सी-प्लेन सेवाओं से वॉटर रिसोर्स बेस इकोनोमी को बहुत गति मिल रही है। जल-थल-नभ तीनों में इन दिनों गुजरात ने बहुत ऊंची छलांग लगाई है।

उन्होंने कहा कि सरकार के इन प्रयासों को गति देने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है, अब मिनिष्ट्री ऑफ शिपिंग का भी नाम बदला जा रहा है। अब ये मंत्रालय Ministry of Port’s, Shipping & water ways नाम से जाना जाएगा. आत्मनिर्भर भारत मे Blue Economy की हिस्सेदारी को मजबूत करने के लिए समुद्र से जुड़े Logistic को मजबूत करना बहुत आवश्यक है।

सामान को देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में ले जाने पर दूसरे देशों की अपेक्षा हमारे देश में आज भी ज्यादा खर्च होता है. वॉटर ट्रांसपोर्ट से Cost Of Logistics को कम किया जा सकता है. इसलिए हमारा फोकस एक ऐसे इकोसिस्टम को बनाने का है जहां कार्गो की Seamless Movement हो सके।

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