पीएम मोदी ने ‘पीएम केयर्स’ के तहत ऑक्सीजन संयंत्रों का किया उद्घाटन, 35 राज्यों में स्थापित हुए प्लांट्स
समग्र समाचार सेवा
देहरादून, 7अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने एक दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर ऋषिकेश पहुंचे। पीएम मोदी ने यहां से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान सहित देश भर में पीएम केयर्स के तहत स्थापित 35 ऑक्सीजन संयंत्रों का उद्घाटन किया।
पीएम मोदी ने ‘पीएम केयर्स’ निधि के तहत 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्थापित किए गए 35 प्रेशर स्विंग एडजॉर्प्शन (PSA) ऑक्सीजन संयंत्रों का उद्घाटन किया है।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए कम समय में भारत द्वारा विकसित की गई स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार उसकी क्षमताओं को दर्शाता है. पीएम केयर्स की निधि की मदद से स्थापित करीब 1,150 ऑक्सीजन संयंत्र काम कर रहे हैं, देश के प्रत्येक जिले में अब ये संयंत्र हैं।
अब तक देश भर में कुल 1,224 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों को पीएम केयर्स निधि के तहत वित्त पोषित किया गया है। साथ ही कहा कि इनमें से 1,100 से अधिक संयंत्र प्रति दिन 1,750 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिए शुरू किया गया है।
इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी मौजूद थे और उन्होंने देश भर में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की सराहना की।
India has shown the way to the whole world by building the CoWIN platform that how vaccination is done on such a large scale: PM Modi at Rishikesh, Uttarakhand pic.twitter.com/94lOxoaWDk
— ANI (@ANI) October 7, 2021
पीएम मोदी ने जनता को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा सरकार के मुखिया के तौर पर पहले मुख्यमंत्री और फिर देश के लोगों के आशीर्वाद से देश के प्रधानमंत्री पद पर पहुंचा, इसकी कल्पना मैंने कभी नहीं की थी।
उन्होंने आगे कहा, आज के ही दिन 20 साल पहले मुझे जनता की सेवा का एक नया दायित्व मिला था। लोगों के बीच रहकर, लोगों की सेवा करने की मेरी यात्रा तो कई दशक पहले से चल रही थी, लेकिन आज से 20 वर्ष पूर्व, गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मुझे नई जिम्मेदारी मिली थी।
पीएम मोदी ने आगे कहा आज से नवरात्र का पावन पर्व भी शुरु हो रहा है। आज प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। मां शैलपुत्री, हिमालय पुत्री हैं। और आज के दिन मेरा यहां होना, यहां आकर इस मिट्टी को प्रणाम करना, हिमालय की इस धरती को प्रणाम करना, इससे बड़ा जीवन में कौन सा धन्य भाव हो सकता है।
Comments are closed.