पीएम मोदी ने 5G सर्विसेज की शुरुआत की, बोले- नया भारत केवल उपभोक्ता होने के बजाय प्रौद्योगिकी के विकास और कार्यान्वयन में अग्रणी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश में 5जी सेवाओं की शुरुआत करते हुए कहा कि यह ’21वीं सदी के भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन’ है और कहा कि प्रौद्योगिकी देश के दूरसंचार क्षेत्र में क्रांति लाएगी. राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में चार दिवसीय इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2022 में सेवा का शुभारंभ करते हुए, मोदी ने भारत में 5जी के लाभों के बारे में बात की और बताया कि यह सेवा देश की तकनीकी क्रांति में कैसे मदद करेगी. उन्होंने उन प्रमुख स्तंभों के बारे में भी बात की जो डिजिटल इंडिया आंदोलन का समर्थन करेंगे, जिसमें सस्ती तकनीक और व्यापक नेटवर्क की आवश्यकता शामिल है. प्रधानमंत्री ने भारत में स्मार्ट फोन के निर्माण पर जोर दिया और कहा कि यह डिवाइस की लागत में कमी कैसे सुनिश्चित करेगा. उन्होंने कहा, “2014 तक हम अपने मोबाइल फोन का 100 प्रतिशत आयात करते थे. इसलिए हमने इस विशेष क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर’ बनने का फैसला किया. भारत में अब हमारे पास 200 मोबाइल फोन निर्माण इकाइयां हैं.” मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि 2014 में भारत में 25 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे, जो अब बढ़कर 85 करोड़ हो गए हैं.

मोदी ने कहा कि 5-जी सेवा की शुरूआत दूरसंचार उद्योग की ओर से 130 करोड़ भारतीयों के लिए उपहार-स्‍वरूप है। यह एक नये युग में प्रवेश और अनंत अवसरों की शुरूआत है। उन्‍होंने कहा कि 2-जी, 3-जी और 4-जी सेवाओं के दौर में भारत तकनीक के लिए अन्‍य देशों पर निर्भर था, लेकिन 5-जी सेवा की शुरूआत कर देश ने एक नया इतिहास रच दिया है। उन्‍होंने यह भी कहा कि 5-जी सेवाओं के साथ, पहली बार, भारत दूरसंचार तकनीक में एक वैश्विक मानदण्‍ड निर्धारित करेगा। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम विकास की एक वृहद संकल्‍पना को समेटे हुए है और इसका उद्देश्‍य ऐसी तकनीक को आम लोगों तक पहुंचाना है जो लोगों के लिए उपयोगी हो और जो लोगों को परस्‍पर जोड़ सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया की सफलता डिजिटल उपकरण, डिजिटल कनेक्टिविटी, डिजिटल लागत और डिजिटल फर्स्‍ट के दृष्टिकोण पर निर्भर करेगी और सरकार ने इन चारों पहलुओं पर ध्‍यान दिया है। श्री मोदी ने कहा कि हर घर जल और उज्‍ज्‍वला स्‍कीमों की ही तरह सरकार सबके लिए इंटरनेट के लक्ष्‍य पर काम कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में भारत ने मोबाइल बनाने वाली केवल दो इकाईयां थीं, लेकिन अब दो सौ से अधिक मोबइल के कारखाने काम कर रहे हैं। इसी प्रकार, वर्ष 2014 में देश से किसी मोबाइल फोन का निर्यात नहीं होता था, जबकि आज मोबाइल फोन निर्यात का हमारा कारोबार कई हजार करोड़ रुपये का है। उन्‍होंने यह भी कहा कि वर्ष 2014 में ब्रॉडबैंड के केवल 6 करोड़ प्रयोक्‍ता थे जबकि आज इनकी संख्‍या लगभग 80 करोड़ है।

सरकार डिजिटल इंडिया, स्‍टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे अग्रणी कार्यक्रमों के जरिए डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा दे रही है। 5-जी सेवाओं के उपलब्‍ध होने से नए कारोबार शुरू होने, कारोबार को अतिरिक्‍त राजस्‍व प्राप्‍त होने और रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने प्रगति मैदान में एक प्रदर्शनी को भी देखा। उन्‍होंने छठी भारतीय मोबाइल कांग्रेस का शुरूआत करने की घोषणा भी की जिसका आयोजन 4 अक्‍टूबर से हो रहा है। इसका विषय है – नया डिजिटल विश्‍व। इससे प्रमुख चिंतकों, उद्यमियों, नवप्रर्वतकों और सरकारी अधिकारियों को एक मंच पर आने का मौका मिलेगा ताकि वे डिजिटल तकनीक के अंगीकरण और प्रसार से उत्‍पन्‍न हो रहे अवसरों पर विमर्श कर सकें और इन्‍हें प्रदर्शित कर सकें।

इस अवसर पर संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने कहा कि 5-जी तकनीक से शिक्षा, लॉजिस्टिक्स, स्‍वास्‍थ्‍य, कृषि और बैंकिंग क्षेत्रों में बुनियादी परिवर्तन परिलक्षित होंगे और संभावनाओं के नए द्वार खुलेंगे। उन्‍होंने कहा कि गांव में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 35 हजार करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। श्री वैष्‍णव ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र डिजिटल भारत का प्रवेश द्वार और आधारशिला है तथा इससे हर व्‍यक्ति तक डिजिटल सेवा की पहुंच संभव हो सकेगी।

कार्यक्रम में संचार राज्‍य मंत्री देवू सिंह चौहान, रिलायंस इंडस्‍ट्रीज़ के अध्‍यक्ष मुकेश अंबानी, आदित्‍य बिड़ला ग्रुप के अध्‍यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला और भारती एंटरप्राइजेज के संस्‍थापक सुनील मित्‍तल भी मौजूद थे।

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