प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ और बंदरगाह आधुनिकीकरण से विकसित होती औद्योगिक पहल पर जोर दिया

पूर्व-पश्चिम व्यस्त व्यापार मार्ग पर बंदरगाहों के आधुनिकीकरण, यंत्रिकीकरण और डिजिटलीकरण से भारत को मिला नया आर्थिक लाभ

  • मेक इन इंडिया’ के प्रभाव से भारत का औद्योगिक आधार मजबूत और लचीला बना है।
  • पूर्व-पश्चिम व्यापार मार्ग के बंदरगाहों को आधुनिक तंत्रों से सजाया जा रहा है।
  • सरकार ने $8 बिलियन की योजना के माध्यम से जहाज निर्माण और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया है।
  • बंदरगाह आधुनिकीकरण से देश की वैश्विक आर्थिक प्रतिस्पर्धा में मजबूती आई है।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 23 अक्टूबर को एक महत्वपूर्ण लेख साझा किया, जिसमें भारत के बढ़ते हुए औद्योगिक आधार को ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अंतर्गत विस्तार और मजबूती मिलने की जानकारी दी गई। इसमें उन्होंने बताया कि पूर्व-पश्चिम व्यस्त व्यापार मार्ग के साथ देश के प्रमुख बंदरगाहों का आधुनिकीकरण, यंत्रिकीकरण और डिजिटलीकरण के प्रयास देश को एक अनूठा लाभ प्रदान कर रहे हैं।

 

केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा लिखित इस लेख में बताया गया है कि समुद्री व्यापार के विकास के लिए सरकार की $8 बिलियन की परियोजना न केवल एक बजटीय प्रावधान है, बल्कि भारत की महत्वाकांक्षा का प्रतीक है। इस योजना के तहत जहाज निर्माण और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित किया जा रहा है ताकि भारत की वैश्विक समुद्री व्यापार में भागीदारी बढ़े।

 

प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आधुनिक बंदरगाह न केवल माल के निर्यात-आयात में दक्षता बढ़ाएंगे, बल्कि नौवहन के क्षेत्र में रोजगार और नवाचार को भी बढ़ावा देंगे। भारत का उद्देश्य 2047 तक वैश्विक समुद्री व्यापार में अपनी हिस्सेदारी को तीन गुना करना है।

 

ये पहल देश के औद्योगिक और आर्थिक विकास में एक निर्णायक कदम साबित होंगी, जो भारत के आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा दोनों को मजबूत करेंगे।

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