पीएम मोदी और क्यूबा के राष्ट्रपति ने की मुलाकात: UPI, आयुर्वेद और ग्लोबल साउथ पर हुई चर्चा

द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और विकासशील देशों के मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति।

समग्र समाचार सेवा
रियो डी जेनेरो, 7 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में क्यूबा के राष्ट्रपति से मुलाकात की, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। इस बैठक में भारत की सफल डिजिटल भुगतान प्रणाली यूपीआई (UPI), पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद, और ग्लोबल साउथ के देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया गया। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब भारत दुनिया के विकासशील देशों के बीच अपनी भूमिका को लगातार मजबूत कर रहा है।

द्विपक्षीय सहयोग के नए आयाम

दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत में भारत और क्यूबा के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की गई। भारत क्यूबा को विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता और अनुभव साझा करने के लिए उत्सुक है। विशेष रूप से, डिजिटल क्षेत्र में भारत की सफलता, खासकर यूपीआई जैसी प्रणाली, ने दुनिया भर का ध्यान खींचा है। पीएम मोदी ने क्यूबा में भी ऐसी डिजिटल भुगतान प्रणालियों को लागू करने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला, जिससे वहां वित्तीय समावेशन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सके।

आयुर्वेद का वैश्विक विस्तार

भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को क्यूबा में बढ़ावा देने पर भी बातचीत हुई। आयुर्वेद न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में अपनी बढ़ती स्वीकार्यता के लिए जाना जाता है। क्यूबा में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली काफी विकसित है और आयुर्वेद को वहां की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में एकीकृत करने की संभावनाओं पर विचार किया गया। यह कदम दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करेगा और आयुर्वेद को वैश्विक मंच पर और अधिक पहचान दिलाएगा।

ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूत करना

बैठक का एक महत्वपूर्ण पहलू ग्लोबल साउथ (विकासशील देशों) के बीच संबंधों को मजबूत करना था। भारत लगातार ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद करने और उनके हितों की वकालत करने पर जोर देता रहा है। पीएम मोदी और क्यूबा के राष्ट्रपति ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि विकासशील देशों को वैश्विक मंच पर एक साथ आना चाहिए ताकि वे अपनी साझा चुनौतियों का समाधान कर सकें और एक न्यायपूर्ण तथा समावेशी विश्व व्यवस्था का निर्माण कर सकें। यह सहयोग विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दोनों देशों के साझा रुख को भी मजबूत करेगा।

वैश्विक चुनौतियों पर साझा दृष्टिकोण

दोनों नेताओं ने जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा जैसी वैश्विक चुनौतियों पर भी साझा दृष्टिकोण व्यक्त किया। उन्होंने इन मुद्दों से निपटने के लिए बहुपक्षीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया। क्यूबा लंबे समय से विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विकासशील देशों के अधिकारों का समर्थक रहा है, और भारत के साथ उसका तालमेल वैश्विक मुद्दों पर एक मजबूत आवाज के रूप में उभरा है। इस मुलाकात से उम्मीद है कि दोनों देश विभिन्न वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर काम करेंगे।

सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध

भारत और क्यूबा के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। दोनों देशों ने हमेशा एक-दूसरे का समर्थन किया है और गुटनिरपेक्ष आंदोलन के माध्यम से वैश्विक शांति और सहयोग को बढ़ावा दिया है। यह मुलाकात इन ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करेगी और भविष्य में विभिन्न क्षेत्रों में नए सहयोग के अवसर पैदा करेगी। भारतीय दूतावास और क्यूबा दूतावास के बीच विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन से दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी समझ और दोस्ती बढ़ेगी।

कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री मोदी और क्यूबा के राष्ट्रपति के बीच हुई यह बैठक द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा देगी और ग्लोबल साउथ के देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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