हिंदी के साथ सभी भारतीय भाषाओं को समृद्ध करें-पीएम मोदी

हिंदी दिवस पर प्रधानमंत्री ने किया भाषाओं के महत्व पर जोर, कहा- हिंदी भारत की पहचान और मूल्यों का जीवंत प्रतीक है।

  • धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदी दिवस पर देशवासियों को बधाई दी और हिंदी को भारत की पहचान बताया।
  • उन्होंने सभी भारतीय भाषाओं को मिलकर समृद्ध करने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का आह्वान किया।
  • पीएम ने कहा कि हिंदी के प्रति वैश्विक सम्मान बढ़ रहा है, जो सभी भारतीयों के लिए गर्व का विषय है।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14 सितंबर, 2025: हर साल की तरह, इस साल भी देशभर में हिंदी दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और भारतीय भाषाओं के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह भारत की पहचान और हमारे मूल्यों का एक जीवंत प्रतीक है। पीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी बात रखते हुए कहा कि हिंदी के साथ-साथ सभी भारतीय भाषाओं को समृद्ध करना और इस भाषाई विरासत को अगली पीढ़ियों तक गर्व के साथ पहुंचाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि आज वैश्विक स्तर पर हिंदी को मिल रहा सम्मान हम सभी के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान हमें अपनी भाषा को और अधिक विकसित करने तथा दुनिया के सामने अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना में भाषाओं का योगदान

प्रधानमंत्री का यह संदेश ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की उनकी परिकल्पना के अनुरूप है, जिसमें देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने के लिए सभी भाषाओं और संस्कृतियों का सम्मान और संवर्धन करना शामिल है। केंद्र सरकार पिछले कुछ वर्षों से नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दे रही है। यह नीति प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक मातृभाषा में पढ़ाई को बढ़ावा देती है, ताकि छात्र अपनी जड़ों से जुड़े रहें और उनकी रचनात्मकता पर कोई असर न पड़े।

सरकार ने क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने की पहल भी की है, ताकि भाषाई बाधाओं को खत्म किया जा सके। इसके अलावा, तकनीकी उपकरणों और डिजिटल प्लेटफॉर्मों के माध्यम से भी भाषाओं के प्रचार-प्रसार पर काम हो रहा है।

हिंदी का बढ़ता वैश्विक प्रभाव

हिंदी आज केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह दुनिया भर में बोली और समझी जाने वाली सबसे बड़ी भाषाओं में से एक बन गई है। मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम और अन्य कई देशों में इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है। साथ ही, संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भी हिंदी का उपयोग बढ़ रहा है। यह सब भारत की बढ़ती वैश्विक साख और सांस्कृतिक प्रभाव का ही परिणाम है।

हिंदी दिवस को हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 1949 में संविधान सभा ने हिंदी को भारत संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें अपनी भाषा का सम्मान करना चाहिए और इसे भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार ढालना चाहिए। इसमें अन्य भाषाओं से अच्छे शब्दों और विचारों को ग्रहण करना भी शामिल है, जिससे हमारी भाषा और भी अधिक लचीली और समृद्ध हो सके। प्रधानमंत्री का संदेश इसी भावना को दर्शाता है। यह एक आह्वान है, जो हमें हिंदी के साथ-साथ हमारी सभी क्षेत्रीय भाषाओं को भी सहेजने और संवारने के लिए प्रेरित करता है, ताकि भारत की भाषाई विविधता हमेशा उसकी ताकत बनी रहे।

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