पीएम मोदी ने डॉ. भूपेन हजारिका को उनकी जयंती पर किया नमन, असम की संस्कृति को दिया वैश्विक पहचान

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 8 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत रत्न से सम्मानित संगीतकार डॉ. भूपेन हजारिका को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि वे सिर्फ एक गायक नहीं थे, बल्कि लोगों की धड़कन थे।

पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर लिखा, “असम की संस्कृति को वैश्विक पहचान देने वाले भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका को उनकी जयंती पर मेरा नमन। उनके योगदान को भारतीय संस्कृति और संगीत जगत हमेशा याद रखेगा।”

भूपेन दा की जीवन यात्रा और संगीत में योगदान
प्रधानमंत्री ने अपने लेख में लिखा कि भूपेन हजारिका का जन्म असम में हुआ और उन्होंने अपनी कला से पूरे भारत और विश्व में असम की सांस्कृतिक धरोहर को पहचान दिलाई। उन्होंने कहा, “भूपेन दा की आवाज़ आज भी हमारे बीच है। उनके गीतों में करुणा, सामाजिक न्याय, एकता और गहरी आत्मीयता की गूँज है।”

पीएम मोदी ने भूपेन हजारिका के बचपन और संगीत के प्रति उनके लगाव का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि भूपेन दा ने महज पांच साल की उम्र में सार्वजनिक मंच पर गाना शुरू किया और किशोरावस्था में पहला गीत रिकॉर्ड किया। उनके संगीत ने असम की आदिवासी पहचान और सामाजिक सरोकार को हमेशा साथ रखा।

शिक्षा और वैश्विक अनुभव
भूपेन हजारिका ने कॉटन कॉलेज और बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की, जहाँ राजनीति शास्त्र के छात्र रहते हुए उन्होंने संगीत साधना को प्राथमिकता दी। अमेरिका में अपने प्रवास के दौरान उन्होंने कई दिग्गज कलाकारों और विचारकों से संवाद किया। पीएम मोदी ने बताया कि अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला एलेनॉर रूजवेल्ट ने उन्हें भारतीय लोकसंगीत प्रस्तुतियों के लिए गोल्ड मेडल से सम्मानित किया।

सामाजिक संदेश और राष्ट्रीय योगदान
पीएम मोदी ने कहा कि भूपेन दा ने संगीत के माध्यम से सामाजिक संदेश दिए। उनके गीतों ने गरीबों, किसानों, महिलाओं और ग्रामीण समुदायों की आवाज़ को सामने लाया। उन्होंने भाषा और क्षेत्र की सीमाओं को तोड़कर एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को सशक्त किया।

राजनीतिक जीवन और सम्मान
हालाँकि भूपेन हजारिका मुख्य रूप से कलाकार थे, उन्होंने 1967 में असम के नौबोइचा से निर्दलीय विधायक के रूप में जनता की सेवा की। उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण, पद्मविभूषण, दादासाहेब फाल्के अवार्ड समेत कई पुरस्कार मिले। 2019 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण
पीएम मोदी ने भूपेन हजारिका कल्चरल ट्रस्ट और भूपेन हजारिका सेतु के महत्व को याद किया। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि भूपेन दा के संदेश और सांस्कृतिक योगदान को नई पीढ़ियों तक पहुँचाने का संकल्प लें।

 

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