अगली सदी पूर्व और पूर्वोत्तर की है: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर राज्यों में हजारों करोड़ की परियोजनाओं का किया शिलान्यास और उद्घाटन, कहा- यह क्षेत्र भारत के विकास का नया इंजन बनेगा।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21वीं सदी भारत के पूर्व और पूर्वोत्तर की है।
- उन्होंने अपने दौरे के दौरान मणिपुर, मिजोरम और असम में हजारों करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दी।
- पीएम ने शांति को विकास की नींव बताया और ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के तहत क्षेत्र को दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार बनाने पर जोर दिया।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14 सितंबर, 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पूर्वोत्तर के तीन प्रमुख राज्यों – मिजोरम, मणिपुर और असम – का दौरा किया, जहां उन्होंने इस क्षेत्र को ‘विकसित भारत’ के सपने का प्रवेश द्वार बताया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि 21वीं सदी भारत के पूर्व और पूर्वोत्तर की है और यह क्षेत्र अब विकास का नया इंजन बन रहा है। उन्होंने दशकों की उपेक्षा के बाद इस क्षेत्र में हुए अभूतपूर्व बदलावों पर जोर दिया, जो केंद्र सरकार की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का परिणाम हैं।
प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिनकी कुल लागत हजारों करोड़ रुपये है। मणिपुर में, उन्होंने लगभग ₹7,300 करोड़ की परियोजनाओं की नींव रखी, जिसमें सड़कें, शहरी विकास और अन्य बुनियादी ढाँचा शामिल हैं। उन्होंने मणिपुर के लोगों के साहस की प्रशंसा की और कहा कि शांति और सौहार्द ही विकास की नींव है। पीएम मोदी ने विस्थापित परिवारों के पुनर्वास के लिए केंद्र के पूर्ण समर्थन का भी आश्वासन दिया।
कनेक्टिविटी और विकास पर विशेष जोर
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि बुनियादी ढाँचे का विकास ही इस क्षेत्र के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। मिजोरम में उन्होंने बैराबी-सैरांग रेल लाइन का उद्घाटन किया, जिसने आइजोल को पहली बार राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक रेल लाइन नहीं, बल्कि एक ‘जीवन रेखा’ है जो व्यापार, पर्यटन और लोगों की आवाजाही को गति देगी। इसी तरह, असम में, उन्होंने ₹6,500 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की शुरुआत की, जो स्वास्थ्य सेवा और कनेक्टिविटी को मजबूत करेंगी।
प्रधानमंत्री ने ‘लुक ईस्ट’ नीति से ‘एक्ट ईस्ट’ नीति में बदलाव के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पहले पूर्वोत्तर को सिर्फ एक सीमावर्ती क्षेत्र के रूप में देखा जाता था, लेकिन अब यह दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। इस नीति के तहत, सरकार पड़ोसी देशों के साथ बेहतर कनेक्टिविटी के लिए सड़क, रेल और जलमार्ग परियोजनाओं पर काम कर रही है, जिससे इस क्षेत्र के आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी।
शांति से समृद्धि की ओर
पीएम मोदी का मणिपुर दौरा विशेष रूप से महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह पिछले साल हुई जातीय हिंसा के बाद उनकी पहली यात्रा थी। उन्होंने विभिन्न समुदायों से शांति का मार्ग अपनाने की अपील की और कहा कि उनकी सरकार संघर्षों को समाप्त करने और क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कई विद्रोही समूहों ने हथियार छोड़ दिए हैं और मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं, जो सरकार की नीतियों की सफलता को दर्शाता है। यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर में विकास और शांति को साथ लेकर चल रही है।
इस तरह, प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के माध्यम से यह संदेश दिया कि पूर्वोत्तर भारत अब उपेक्षा का नहीं, बल्कि विकास और प्रगति का प्रतीक है और यह न केवल भारत के विकास में बल्कि वैश्विक मंच पर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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