प्रधानमंत्री मोदी ने सूरत में बुलेट ट्रेन स्टेशन का किया निरीक्षण
भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की टीम से PM का संवाद; प्रोजेक्ट से मिली सीखों को ‘ब्लू बुक’ के रूप में संकलित करने पर जोर
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PM मोदी ने सूरत के अंडर-कंस्ट्रक्शन बुलेट ट्रेन स्टेशन का निरीक्षण कर MAHSR की प्रगति की समीक्षा की।
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महिला इंजीनियरों और प्रोजेक्ट टीम ने निर्माण कार्य, रोबोटिक वेल्डिंग और इंजीनियरिंग कंट्रोल पर जानकारी दी।
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PM ने कहा, परियोजना से मिली सीखों को डॉक्यूमेंट कर भविष्य की हाई-स्पीड रेल परियोजनाओं के लिए ब्लू बुक बनानी चाहिए।
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मुंबई–अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर में अब तक 326 km वायाडक्ट और 17 में से 25 नदी पुलों का निर्माण पूरा।
समग्र समाचार सेवा
सूरत, 16 नवंबर: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कल गुजरात के सूरत में निर्माणाधीन बुलेट ट्रेन स्टेशन का दौरा किया और मुंबई–अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (MAHSR) की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम कर रही टीम से बातचीत की और प्रोजेक्ट की कार्यगत प्रगति, समय-सीमा तथा गति लक्ष्य को लेकर जानकारी प्राप्त की। अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया कि परियोजना बिना किसी कठिनाई के तेज़ी से आगे बढ़ रही है।
केरल से आई एक इंजीनियर ने नवसारी में स्थित नॉइज़ बैरियर फैक्ट्री में अपने अनुभव साझा किए, जहां रिबार केज वेल्डिंग के लिए रोबोटिक यूनिट्स का उपयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने उनसे पूछा कि देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना का हिस्सा बनने को लेकर वे कैसा महसूस करती हैं। इंजीनियर ने इसे “सपना परियोजना” और अपने परिवार के लिए “गौरवपूर्ण क्षण” बताया।
राष्ट्र सेवा की भावना पर बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब व्यक्ति देश के लिए कुछ नया करने का संकल्प लेता है, तो वही भावना असाधारण प्रेरणा बन जाती है। उन्होंने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस गर्व का अनुभव पहले उपग्रह के वैज्ञानिकों को हुआ होगा, वही भावना आज इस परियोजना पर काम करने वाले इंजीनियरों में दिखाई देती है।
बेंगलुरु की श्रुति, जो इस परियोजना में लीड इंजीनियरिंग मैनेजर हैं, ने डिजाइन और इंजीनियरिंग कंट्रोल के सख्त मानकों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि क्रियान्वयन के हर चरण में टीम विकल्पों का विश्लेषण कर सर्वोत्तम समाधान चुनती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सुझाव दिया कि इस परियोजना के अनुभवों और सीखों को एक ‘ब्लू बुक’ के रूप में संकलित किया जाना चाहिए, जिससे भारत भविष्य में बड़े पैमाने पर बुलेट ट्रेन परियोजनाओं को तेज़ी से लागू कर सके। उन्होंने कहा कि दोहराए जाने वाले प्रयोगों को कम कर, सिद्ध मॉडल को उसी तर्क के साथ लागू करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसी दस्तावेज़ीकरण से छात्रों को भी लाभ होगा और राष्ट्र निर्माण को नई दिशा मिलेगी।
एक कर्मचारी द्वारा सुनाई गई कविता पर प्रधानमंत्री ने उसकी भावना और समर्पण की सराहना की। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव भी उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री की यह यात्रा मुंबई–अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (MAHSR) के समीक्षा कार्यक्रम का हिस्सा थी, जो भारत की उच्च गति रेल क्षमता की दिशा में महत्वपूर्ण छलांग है।
MAHSR परियोजना लगभग 508 किमी लंबी है, जिसमें 352 किमी गुजरात और दादरा एवं नगर हवेली में तथा 156 किमी महाराष्ट्र में है। यह कॉरिडोर साबरमती, अहमदाबाद, आनंद, वडोदरा, भरूच, सूरत, बिलिमोरा, वापी, बोइसर, विरार, ठाणे और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगा।
उन्नत इंजीनियरिंग मानकों पर तैयार किए जा रहे इस प्रोजेक्ट में 465 किमी (लगभग 85%) हिस्सा वायाडक्ट पर बनाया जा रहा है। अब तक 326 किमी वायाडक्ट और 17 में से 25 नदी पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है।
बुलेट ट्रेन के शुरू होने के बाद मुंबई से अहमदाबाद तक की यात्रा मात्र दो घंटे में पूरी हो सकेगी, जिससे व्यापार, पर्यटन और क्षेत्रीय विकास को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
सूरत–बिलिमोरा (47 किमी) सेक्शन लगभग पूरा हो चुका है। सूरत स्टेशन का डिजाइन शहर की विश्व-प्रसिद्ध हीरा उद्योग से प्रेरित है और यह यात्री-सुविधाओं, विशाल वेटिंग एरिया, रिटेल आउटलेट्स और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी से लैस होगा।
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