पीएम मोदी ने किसानों से किया आग्रह, खत्म कीजिए आंदोलन

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,8फरवरी।

तीन नए कृषि कानून और इसके खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा जारी है। लगातार तीन दिन तक हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में जवाब दे रहे हैं। कोरोना संकट काल को लेकर पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधा है, साथ ही दुनिया में भारत द्वारा दी जा रही मदद का उल्लेख किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि देश अब आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, ऐसे में हर किसी का ध्यान देश की ओर कुछ करने के लिए होना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि संकट के वक्त में दुनिया की नजर भारत पर है। पीएम मोदी ने इस दौरान मैथिलीशरण गुप्त की कविता ‘अवसर तेरे लिए खड़ा है, फिर भी तू चुपचाप पड़ा है’ भी सदन में पढ़ी। पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में वो जरूर लिखते कि ‘’…अरे भारत, आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़।

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने पंजाब की रोटी खाई है, सिख गुरुओं की परंपरा को हम मानते हैं। उनके लिए जो भाषा बोली जाती है, उससे देश का भला नहीं होगा।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब लाल बहादुर शास्त्री जी को जब कृषि सुधारों को करना पड़ा, तब भी उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। लेकिन वो पीछे नहीं हटे थे। तब लेफ्ट वाले कांग्रेस को अमेरिका का एजेंट बताते थे, आज मुझे ही वो गाली दे रहे हैं। पीएम ने कहा कि कोई भी कानून आया हो, कुछ वक्त के बाद सुधार होते ही हैं।

पीएम मोदी ने अपील किया कि आंदोलनकारियों को समझाते हुए हमें आगे बढ़ना होगा, गालियों को मेरे खाते में जाने दो लेकिन सुधारों को होने दो। पीएम मोदी ने कहा कि बुजुर्ग आंदोलन में बैठे हैं, उन्हें घर जाना चाहिए। आंदोलन खत्म करें और चर्चा आगे चलती रहे। किसानों के साथ लगातार बात की जा रही है।

पीएम मोदी ने किसानों से कहा कि MSP था, है और रहेगा। मंडियों को मजबूत किया जा रहा है। जिन 80 करोड़ लोगों को सस्तों में राशन दिया जाता है, वो भी जारी रहेगा। किसानों की आय बढ़ाने के लिए दूसरे उपाय पर बल दिया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि अगर अब देर कर देंगे, तो किसानों को अंधकार की तरफ धकेल देंगे।

 

 

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