11 और 12 नवंबर को कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का दौरा करेंगे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10नवंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 और 12 नवंबर, 2022 को कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का दौरा करेंगे। 11 नवंबर को सुबह करीब 9:45 बजे प्रधानमंत्री विधान सौध, बेंगलुरु में महर्षि वाल्मीकि और संत कवि श्री कनक दास की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। लगभग 10:20 बजे, प्रधानमंत्री बेंगलुरु के केएसआर रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत एक्सप्रेस और भारत गौरव काशी दर्शन ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। प्रधानमंत्री सुबह करीब 11:30 बजे केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 2 का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद दोपहर करीब 12 बजे प्रधानमंत्री नादप्रभु केम्पेगौड़ा की 108 फुट की कांस्य प्रतिमा का अनावरण करेंगे, जिसके बाद दोपहर करीब 12:30 बजे बेंगलुरु में एक सार्वजनिक समारोह होगा। दोपहर करीब 3:30 बजे प्रधानमंत्री तमिलनाडु के डिंडीगुल में गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान के 36वें दीक्षांत समारोह में शामिल होंगे।

12 नवंबर को लगभग 10:30 बजे प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री दोपहर करीब 3:30 बजे तेलंगाना के रामागुंडम में आरएफसीएल संयंत्र का दौरा करेंगे। इसके बाद शाम करीब 4:15 बजे प्रधानमंत्री रामागुंडम में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

बेंगलुरु, कर्नाटक में प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री बेंगलुरु में केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 2 का उद्घाटन करेंगे, जिसे लगभग 5000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। ये टर्मिनल इस हवाई अड्डे की यात्री क्षमता को लगभग 2.5 करोड़ की मौजूदा क्षमता से दोगुना करके 5-6 करोड़ यात्री प्रति वर्ष कर देगा।

टर्मिनल 2 को बेंगलुरु की गार्डन सिटी के प्रति एक ट्रिब्यूट के तौर पर डिज़ाइन किया गया है और इसके यात्री अनुभव को “बगीचे में टहलने” जैसा बनाने का उद्देश्य है। यात्री गण यहां 10,000 से अधिक वर्गमीटर की हरी दीवारों, हैंगिंग गार्डन और बाहरी उद्यानों में से गुजरेंगे। इस हवाई अड्डे ने पहले ही परिसर में अक्षय ऊर्जा के 100 प्रतिशत उपयोग के साथ सस्टेनेबिलिटी के मामले में एक बेंचमार्क स्थापित कर लिया है। टर्मिनल 2 को बनाते हुए इसके डिजाइन में सस्टेनेबिलिटी के सिद्धांतों को पिरोया गया है। निरंतरता की ऐसी पहलों के आधार पर टर्मिनल 2 दुनिया का ऐसा सबसे बड़ा टर्मिनल होगा जिसका परिचालन शुरू होने से पहले ही उसे यूएस जीबीसी (ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल) द्वारा पूर्व प्रमाणित प्लेटिनम रेटिंग प्राप्त हो गई है। ‘नवरस’ की थीम टर्मिनल 2 के लिए कमीशन की गई सारी कलाकृतियों को साथ लाती है। ये कलाकृतियां कर्नाटक की विरासत और संस्कृति के साथ-साथ व्यापक भारतीय लोकाचार को दर्शाती हैं।

कुल मिलाकर, टर्मिनल 2 का डिज़ाइन और वास्तुकला चार मार्गदर्शक सिद्धांतों से प्रभावित है: टर्मिनल का एक बगीचे में होना, सस्टेनेबिलिटी, तकनीक और कला व संस्कृति। ये सभी पहलू टी-2 को एक ऐसे टर्मिनल के रूप में प्रदर्शित करते हैं जो आधुनिक होने के साथ-साथ प्रकृति में भी निहित है और सभी यात्रियों को एक यादगार ‘गंतव्य’ अनुभव प्रदान करता है।

प्रधानमंत्री बेंगलुरु के क्रांतिवीर संगोली रायन्ना (केएसआर) रेलवे स्टेशन पर चेन्नई-मैसुरु वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। ये देश की पांचवीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन होगी और दक्षिण भारत में इस तरह की पहली ट्रेन होगी। ये चेन्नई के औद्योगिक केंद्र और बेंगलुरु के टेक एंड स्टार्टअप हब और प्रसिद्ध पर्यटन शहर मैसुरु के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी।

प्रधानमंत्री बेंगलुरु केएसआर रेलवे स्टेशन से भारत गौरव काशी यात्रा ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे। भारत गौरव योजना के तहत इस ट्रेन को चलाने वाला कर्नाटक पहला राज्य है जिसमें कर्नाटक सरकार और रेल मंत्रालय मिलकर कर्नाटक से तीर्थयात्रियों को काशी भेजने के लिए काम कर रहे हैं। तीर्थयात्रियों को काशी, अयोध्या और प्रयागराज जाने के लिए आरामदायक प्रवास और मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा।

प्रधानमंत्री श्री नादप्रभु केम्पेगौड़ा की 108 मीटर ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण करेंगे। ये बेंगलुरु के विकास की दिशा में शहर के संस्थापक नादप्रभु केम्पेगौड़ा के योगदान की स्मृति में बनाई जा रही है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी वाले राम वी. सुतार द्वारा संकल्पित और गढ़ी गई, इस प्रतिमा को बनाने में 98 टन कांस्य और 120 टन स्टील का उपयोग किया गया है।

विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री 10,500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वे 6-लेन के ग्रीनफील्ड रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे के आंध्र प्रदेश खंड की आधारशिला रखेंगे। इसे 3750 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जाएगा। ये आर्थिक गलियारा छत्तीसगढ़ व ओडिशा के औद्योगिक नोड्स से लेकर विशाखापट्टनम बंदरगाह और चेन्नई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच तेजी से संपर्क प्रदान करेगा। ये आंध्र प्रदेश और ओडिशा के आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में भी सुधार करेगा। प्रधानमंत्री विशाखापट्टनम में कॉन्वेंट जंक्शन से शीला नगर जंक्शन तक एक समर्पित पोर्ट रोड की आधारशिला भी रखेंगे। ये स्थानीय यातायात और बंदरगाह जाने वाले मालवाहक यातायात को अलग करके विशाखापट्टनम शहर में यातायात की भीड़ को कम करेगा। वे श्रीकाकुलम-गजपति कॉरिडोर के हिस्से के रूप में 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित एनएच-326ए का पथपट्टनम खंड राष्ट्र को समर्पित करेंगे। ये परियोजना इस क्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश में ओएनजीसी की यू-फील्ड ऑनशोर डीप वाटर ब्लॉक परियोजना राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिसे 2900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। ये इस परियोजना की सबसे गहरी गैस खोज है जहां लगभग 3 मिलियन मीट्रिक स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर प्रति दिन (एमएमएससीएमडी) की गैस उत्पादन क्षमता है। वे लगभग 6.65 एमएमएससीएमडी की क्षमता वाली गेल की श्रीकाकुलम अंगुल प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना की आधारशिला रखेंगे। 745 किलोमीटर लंबी इस पाइपलाइन का निर्माण कुल 2650 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा। प्राकृतिक गैस ग्रिड (एनजीजी) का एक हिस्सा होने के नाते, ये पाइपलाइन आंध्र प्रदेश और ओडिशा के विभिन्न जिलों में घरों, उद्योगों, वाणिज्यिक इकाइयों और ऑटोमोबाइल क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगी। ये पाइपलाइन आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम और विजयनगरम जिलों में सिटी गैस वितरण नेटवर्क को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करेगी।

प्रधानमंत्री करीब 450 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले विशाखापट्टनम रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे। ये पुनर्विकसित स्टेशन प्रति दिन 75,000 यात्रियों को सेवाएं देगा और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करके यात्री अनुभव में सुधार करेगा।

प्रधानमंत्री विशाखापट्टनम फिशिंग हार्बर के आधुनिकीकरण और उन्नयन की आधारशिला भी रखेंगे। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 150 करोड़ रुपये है। उन्नयन और आधुनिकीकरण के बाद इस फिशिंग हार्बर की हैंडलिंग क्षमता 150 टन प्रति दिन से दोगुना होकर लगभग 300 टन प्रति दिन हो जाएगी। ये सुरक्षित लैंडिंग और बर्थिंग प्रदान करेगा और अन्य आधुनिक बुनियादी सुविधाएं इस जेटी में टर्नअराउंड समय को कम करेगी, अपव्यय को घटाएगी और मूल्य प्राप्ति में सुधार करने में मदद करेगी।

रामागुंडम, तेलंगाना में प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री रामागुंडम में 9500 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। वे रामागुंडम में उर्वरक संयंत्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे। रामागुंडम परियोजना की आधारशिला भी 7 अगस्त 2016 को प्रधानमंत्री द्वारा रखी गई थी। उर्वरक संयंत्र के पुनरुद्धार के पीछे प्रेरणा दरअसल शक्ति यूरिया के उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने का प्रधानमंत्री का विजन है। रामागुंडम संयंत्र प्रति वर्ष 12.7 एलएमटी स्वदेशी नीम कोटेड यूरिया उत्पादन उपलब्ध कराएगा।

ये परियोजना रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (आरएफसीएल) के तत्वावधान में स्थापित की गई है, जो नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल), इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) और फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआईएल) की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। आरएफसीएल को इस नए अमोनिया-यूरिया संयंत्र की स्थापना की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसमें 6300 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया था। इस आरएफसीएल प्लांट को गैस की आपूर्ति जगदीशपुर-फूलपुर-हल्दिया पाइपलाइन से की जाएगी।

ये संयंत्र तेलंगाना राज्य के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में किसानों को यूरिया उर्वरक की पर्याप्त और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। ये संयंत्र न केवल उर्वरक की उपलब्धता में सुधार करेगा बल्कि सड़क, रेलवे, सहायक उद्योग आदि जैसे बुनियादी ढांचे के विकास सहित क्षेत्र में समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। इसके अलावा यहां फैक्ट्री में माल की विभिन्न आपूर्ति के लिए एमएसएमई विक्रेताओं के विकास से इस क्षेत्र को लाभ होगा। आरएफसीएल का ‘भारत यूरिया’ न केवल आयात को कम करके, बल्कि उर्वरकों और विस्तार सेवाओं की समय पर आपूर्ति के माध्यम से स्थानीय किसानों को प्रोत्साहन देकर अर्थव्यवस्था को जबरदस्त बढ़ावा देगा।

प्रधानमंत्री भद्राचलम रोड-सत्तुपल्ली रेल लाइन राष्ट्र को समर्पित करेंगे जिसे लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसके साथ ही वे 2200 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे, जो हैं- एनएच-765डीजी का मेढक-सिद्दीपेट-एलकाथुर्ति खंड; एनएच-161बीबी का बोधन-बसर-भैंसा खंड; एनएच-353सी का सिरोंचा से महादेवपुर खंड।

गांधीग्राम, तमिलनाडु में प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान के 36वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगे। दीक्षांत समारोह में 2018-19 और 2019-20 बैच के 2300 से अधिक छात्र डिग्री प्राप्त करेंगे।

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