संगम में PM मोदी की डुबकी: भगवा जैकेट, रुद्राक्ष की माला और Adidas ट्रैक पैंट्स में दिखा अनोखा अंदाज

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5 फरवरी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने अनोखे अंदाज और आध्यात्मिकता से जुड़े फैसलों के लिए हमेशा चर्चा में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने प्रयागराज के पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई, जिसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर छा गए। लेकिन इस बार चर्चा सिर्फ उनकी डुबकी की ही नहीं, बल्कि उनके अलग लुक की भी रही। भगवा जैकेट, गले में रुद्राक्ष की माला और Adidas की ट्रैक पैंट्स में उनका यह नया अंदाज लोगों को खूब पसंद आ रहा है।

संगम में आस्था की डुबकी

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज पहुंचकर संगम में तीन बार डुबकी लगाई, इसके बाद उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना की और आरती उतारी। संगम तट पर उन्होंने सनातन संस्कृति और भारतीय आस्था का सम्मान करते हुए पूरी श्रद्धा के साथ पूजन किया।

PM मोदी का अनोखा लुक बना चर्चा का विषय

संगम में स्नान के दौरान पीएम मोदी का पहनावा चर्चा का विषय बन गया। आमतौर पर कुर्ता-पायजामा या धोती-कुर्ते में दिखने वाले प्रधानमंत्री इस बार Adidas की ट्रैक पैंट्स, भगवा जैकेट और गले में रुद्राक्ष की माला पहने नजर आए। सोशल मीडिया पर उनके इस लुक को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोगों ने इसे आधुनिकता और परंपरा का मिश्रण बताया, तो कुछ ने इसे युवा और फिटनेस-प्रेमी प्रधानमंत्री की छवि से जोड़ा।

धार्मिक यात्रा और आध्यात्मिक संदेश

प्रधानमंत्री मोदी अक्सर धार्मिक स्थलों पर जाकर भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देते रहे हैं। इससे पहले भी वे केदारनाथ, वाराणसी, द्वारका और अयोध्या जैसे धार्मिक स्थलों पर पूजा-पाठ कर चुके हैं। संगम में स्नान कर उन्होंने एक बार फिर सनातन परंपराओं के प्रति अपनी आस्था को प्रकट किया

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ लुक

जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी की संगम स्नान की तस्वीरें सामने आईं, वैसे ही सोशल मीडिया पर उनका लुक वायरल हो गया। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोगों ने उनकी फिटनेस और धार्मिक आस्था की तारीफ की। Adidas ट्रैक पैंट्स और भगवा जैकेट की उनकी तस्वीरों को लाखों लाइक्स और शेयर मिल रहे हैं।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संगम स्नान सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संदेश भी था। उनका पहनावा और अंदाज यह दर्शाता है कि परंपरा और आधुनिकता साथ-साथ चल सकती हैं। उनकी यह यात्रा निश्चित रूप से सनातन आस्था को और मजबूत करेगी और लोगों को भारतीय संस्कृति से जुड़ने के लिए प्रेरित करेगी।

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