पीएम नरेंद्र मोदी नें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र ‘रुद्राक्ष’ का किया उद्घाटन, बोले- बनारस के रोम-रोम से झरता है कला और साहित्य

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 15जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र ‘रुद्राक्ष’ का उद्घाटन किया. मोदी ने वाराणसी दौरे में 1,500 करोड़ रुपए से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन या उनकी आधारशिला रखी।
इस कार्यक्रम में जापान के पीएम भी वर्चुअली इस कार्यक्रम में शामिल हुए। एक वीडियो संदेश में जाापनी पीएम ने कहा कि मैं इस कन्वेंशन सेंटर के उद्घाटन पर सभी को शुभामनाएं देता हूं.मैं इस बात को लेकर बहुत उत्साहित हूं कि यह कन्वेंशन सेंटर एक खास शहर में बना है।
पीएम ने कहा कि काशी के बारे में कहते ही है कि बाबा की नगरी कभी थमती नहीं. यह एक बार फिर सिद्ध हो गया है. उन्होंने कहा कोरोना काल में भी बनारस में सृजन और विकास की धारा बहती रही।
पीएम ने कहा कि कोरोनाकाल में जब दुनिया ठहर सी गई, तब काशी संयमित तो हुई, अनुशासित भी हुई, लेकिन सृजन और विकास की धारा अविरल बहती रही. काशी के विकास के ये आयाम, ये ‘इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर- रुद्राक्ष’ आज इसी रचनात्मकता का, इसी गतिशीलता का परिणाम है।
मोदी ने जापान के पीएम का जिक्र करते हुए कहा कि प्राइम मिनिस्टर श्री शुगा योशीहिदे जी उस समय चीफ़ कैबिनेट सेक्रेटरी थे. तब से लेकर पीएम की भूमिका तक, लगातार वो इस प्रोजेक्ट में व्यक्तिगत रूप से शामिल रहे हैं. भारत के प्रति उनके इस अपनेपन के लिए हर एक देशवासी उनका आभारी है।

क्या है रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर –

शिवलिंग की आकृतिनुमा बना यह कन्वेंशन सेंटर वाराणसी के सिगरा में बना है और इसका नाम वाराणसी शहर के मिजाज के अनुरूप ही है. बता दें कि इस कन्वेंशन सेंटर में स्टील के 108 रुद्राक्ष के दाने भी लगाए गए. सनातन परंपराओं के मुताबिक रुद्राक्ष की माला में 108 दाने होते हैं।

ऐसे में जितना शानदार यह कन्वेंशन सेंटर है उतनी ही इसकी खूबियां भी हैं. इस कन्वेंशन सेंटर में 120 गाड़ियों की बेसमेंट पार्किंग है. ग्राउंड फ्लोर, प्रथम तल को लेकर हॉल होगा जिसमें वियतनाम से मंगाई गई कुर्सियां हैं और लगभग 1200 लोग एक साथ इस हॉल में बैठ सकते हैं. बता दें कि दिव्यांगो के लिए भी दोनों दरवाजों के पास 6-6 व्हील चेयर्स का इंतजाम किया गया है. वहीं शौचालयों को दिव्यागजनों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।

बता दें कि इसके अलावा इस कन्वेंशन सेंटर में ग्रीन रूम भी बनाया गया है. 150 लोगों की क्षमता वाला दो कॉन्फ्रेंस हॉल या गैलरी भी है जो दुनिया के आधुनिकतम उपकरणों से सुसज्जित है. इन हॉल्स को जरूरत के मुताबिक घटाया या बढ़ाया जा सकता है. बता दें कि रुद्राक्ष को जापान इंटरनेशन कोऑपरेशन एजेंसी ने फंडिंग किया है. इस सेंटर में छोटा जापानी गार्डेन भी बनाया गया है साथ ही 110 किलोवॉट की उर्जा के लिए इसमें सोलर प्लांट भी लगा है. वहीं दीवारों पर लगें ईंट भी ताप रोकने का काम करते हैं साथ ही रुद्राक्ष को वातनुकूलित रखने के लिए इटली के उपकरणों को दीवारों पर लगाया गया है. बता दें कि इसके निर्माण में फ्लाई ऐश का भी इस्तेमाल किया गया है।

बता दें कि रुद्राक्ष में सीसीटीवी का जगह जगह इस्तेमाल किया गया है और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. बता दें कि इसका निर्माण 10 जुलाई 2018 से शुरू हुआ था. लेकिन अब भारत जापान की सहभागिता और दोस्ती का प्रतीक रुद्राक्ष बनकर तैयार हो चुका है।

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