AMU शताब्दी समारोह में बोले पीएम मोदी-लोकल फॉर वोकल को सफल बनाने में सुझाव दे

समग्र समाचार सेवा
अलीगढ़, 22दिसंबर।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के 100 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित शताब्दी समारोह में हिस्सा ले रहे हैं। इस समारोह में पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विश्वविद्यालय के छात्रों से संवाद कर रहे हैं। ये पहली बार है जब पांच दशक से भी ज्यादा वक्त में कोई प्रधानमंत्री एएमयू के कार्यक्रम में शिरकत किया। इससे पहले 1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने AMU के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था। पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए AMU के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे हैं। इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद हैं। प्रधानमंत्री ने एएमयू के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक डाक टिकट भी जारी किया।

पीएम मोदी ने कहा कि समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात राष्ट्र के लक्ष्य के प्राप्ति की हो तो सभी मतभेद को किनारे रख देने चाहिए। देश में कोई किसी भी जाति या मजहब का हो, उसे देश को आत्मनिर्भर बनाने की ओर योगदान देना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि AMU से कई सेनानी निकले हैं, जिन्होंने अपने विचारों से हटकर देश के लिए जंग लड़ी। पीएम मोदी ने कहा कि सियासत सिर्फ समाज का एक हिस्सा है, लेकिन सियासत-सत्ता से अलग देश का समाज होता है। ऐसे में देश के समाज को बढ़ाने के लिए हमें काम करते रहना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब हम एक लक्ष्य के साथ आगे बढ़ेंगे, तो कुछ तत्व ऐसे होते हैं जिन्हें इससे दिक्कत होगी। वो तत्व हर समाज में हैं, लेकिन हमें इन सबसे आगे बढ़कर देश के लिए काम करना चाहिए। पिछली शताब्दी में मतभेदों के नाम पर काफी वक्त जाया हो गया है, लेकिन अब वक्त ना गंवाते हुए नये भारत, आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करना है।

पीएम मोदी ने कहा कि मेडिकल एजुकेशन को लेकर भी बहुत काम किया गया है। 6 साल पहले तक देश में सिर्फ 7 एम्स थे। आज देश में 22 एम्स हैं। शिक्षा चाहे ऑनलाइन हो या फिर ऑफलाइन, सभी तक पहुंचे, बराबरी से पहुंचे, सभी का जीवन बदले, हम इसी लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं। सरकार हायर एजुकेशन में दाखिलों की संख्या बढ़ाने और सीटें बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सियासत से ऊपर समाज है, सियासत इंतजार कर सकता है देह का विकास इंतजार नहीं कर सकता। इस दौरान पीएम मोदी ने सरकार के उपलब्धियां भी गिनाईं। उन्होंने कहा कि आज देश जो योजनाएं बना रहा है वो बिना किसी मत मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुंच रही हैं। बिना किसी भेदभाव, 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले। बिना किसी भेदभाव, 2 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए गए। बिना किसी भेदभाव 8 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस मिला। वहीं बिना किसी भेदभाव आयुष्मान योजना के तहत 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज संभव हुआ। जो देश का है वो हर देशवासी का है और इसका लाभ हर देशवासी को मिलना ही चाहिए, हमारी सरकार इसी भावना के साथ काम कर रही है।

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि AMU के 100 साल पूरे हो रहे हैं, ऐसे में सौ हॉस्टल के छात्र कुछ रिसर्च करें। आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में रिसर्च करें, जिनके बारे में अबतक काफी कम लोग जानते हैं। इनमें 75 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी, 25 महिला स्वतंत्रता सेनानी के बारे में जानकारी इकट्ठा करें। पीएम मोदी ने साथ ही पुरानी पांडुलिपी को डिजिटल क्षेत्र के जरिए दुनिया के सामने लाएं।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 21वीं सदी में भारत के छात्र-छात्राओं की जरूरतों को सबसे ज्यादा ध्यान में रखा गया है। हमारे देश के युवा नेशन फर्स्ट के आह्वान के साथ देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

पहले मुस्लिम बेटियों को स्कूल ड्रॉपआउट रेट 70% से ज्यादा था वो अब घटकर करीब-करीब 30% रह गया है। पहले लाखों मुस्लिम बेटियां शौचायल की कमी की वजह से पढ़ाई छोड़ देती थीं, अब हालात बदल रहे हैं।

पीएम मोदी ने बताया कि AMU के चांसलर ने उन्हें कुछ दिन पहले चिट्ठी लिख कोरोना वैक्सीन के मिशन के दौरान हर संभव मदद का भरोसा दिया है। AMU में एक मिनी इंडिया है, यहां उर्दू-हिन्दी-अरबी-संस्कृत पढ़ाई जाती है। पीएम बोले कि यहां की लाइब्रेरी में कुरान है तो गीता-रामायण के अनुवाद भी हैं। AMU में एक भारत-श्रेष्ठ भारत की अच्छी तस्वीर है। यहां पर इस्लाम को लेकर जो रिसर्च होती है, उससे भारत का इस्लामिक देशों से संबंध अच्छा होता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि AMU की दीवारों में देश का इतिहास है, यहां से पढ़ने वाले छात्र दुनिया में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। यहां से निकले छात्रों से कई बार विदेश में उनकी मुलाकात हुई, जो हमेशा हंसी-मजाक और शेर-ओ-शायरी के अंदाज में खोए रहते हैं।

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