विचार-विमर्श कर बजट क्रियान्वयन के लिए पीएम ने की विशेष पहल- कृषि मंत्री तोमर

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24 फरवरी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि बजट में कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के लिए मुख्य रूप से सात रास्ते सुझाए गए हैं। साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस 21वीं सदी में खेती और खेती से जुड़े ट्रेड को बिल्कुल बदलने वाली है। बीते 7 सालों में हमने बीज से बाज़ार तक ऐसी ही अनेक नई व्यवस्थाएं तैयार की हैं, पुरानी व्यवस्थाओं में सुधार किया है। कृषि बजट कई गुना बढ़ा है। किसानों के लिए कृषि लोन में भी ढाई गुना की बढ़ोतरी की गई है। श्री मोदी ने यह बात देश में स्मार्ट एग्रीकल्चर के संबंध में आयोजित वृहद वेबिनार में कही। वेबिनार में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विभिन्न विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करके बजट का बेहतर क्रियान्वयन करने के लिए प्रधानमंत्रीजी ने विशेष पहल की है, जिसके सार्थक परिणाम आएंगे।
प्रधानमंत्री श्री मोदी वेबिनार में उद्बोधन की शुरूआत प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का उल्लेख करते हुए कही। श्री मोदी ने कहा कि 3 साल पहले आज के ही दिन पीएम किसान सम्मान निधि की शुरुआत की गई थी। ये योजना देश के छोटे किसानों का बहुत बड़ा संबल बनी है। इसके तहत साढ़े 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को 1.82 लाख करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। श्री मोदी ने बजट में कृषि को आधुनिक व स्मार्ट बनाने के लिए मुख्य रूप से सुझाए गए सात रास्तों का उल्लेख करते हुए बताया, जिनमें पहला हैं- गंगा के दोनों किनारों पर 5 किलोमीटर के दायरे में नेचुरल फार्मिंग को मिशन मोड पर कराने का लक्ष्य। दूसरा- कृषि व उद्यानिकी में आधुनिक टेक्नॉलॉजी किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। तीसरा- खाद्य तेल का आयात कम करने के लिए मिशन ऑयल पाम को सशक्त करने पर बल दिया गया है। चौथा लक्ष्य है कि खेती से जुड़े उत्पादों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए पीएम गति-शक्ति प्लान द्वारा लॉजिस्टिक्स की नई व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी। बजट में पांचवां समाधान दिया गया है कि एग्री-वेस्ट मैनेजमेंट को अधिक आर्गेनाइज किया जाएगा, वेस्ट टू एनर्जी के उपायों से किसानों की आय बढ़ाई जाएगी। छठा सॉल्यूशन है कि देश के डेढ़ लाख से भी ज्यादा डाक घरों में रेगुलर बैंकों जैसी सुविधाएं मिलेगी, ताकि किसानों को परेशानी ना हो और सातवां ये कि कृषि शोध व शिक्षा से जुड़े सिलेबस में स्किल डेवलपमेंट, मानव संसाधन विकास में आज के आधुनिक समय के अनुसार बदलाव किया जाएगा।
श्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2023 अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष है। इसमें भी हमारा कॉरपोरेट जगत आगे आए, भारत के मिलेट्स की ब्रांडिंग व प्रचार-प्रसार करे। हमारे दूसरे देशों में जो बड़े मिशन्स हैं, वे भी अपने देशों में बड़े-बड़े सेमिनार करे, वहां के लोगों को जागरूक करे कि भारत के मिलेट्स कितने उत्तम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रति बूंद- अधिक फसल पर सरकार का बहुत जोर है और ये समय की मांग भी है। इसमें भी व्यापार जगत के लिए बहुत संभावनाएं हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड में क्या परिवर्तन आएंगे, इसे सभी भली-भांति जानते हैं। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस 21वीं सदी में खेती और खेती से जुड़े ट्रेड को बिल्कुल बदलने वाली है। किसान ड्रोन्स का देश की खेती में अधिक से अधिक उपयोग, इसी बदलाव का हिस्सा है। ड्रोन टेक्नॉलॉजी, एक स्केल पर तभी उपलब्ध हो पाएगी, जब हम एग्री स्टार्टअप्स को प्रमोट करेंगे। पराली भी कहते हैं, उसका Management किया जाना भी उतना ही जरूरी है। इसके लिए इस बजट में कुछ नए उपाय किए गए हैं, जिससे कार्बन एमीशन कम होगा, किसानों को इनकम भी होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का सहकारी क्षेत्र काफी वायब्रेंट है। चाहे वो चीनी मिलें हों, खाद कारखाने हों, डेयरी हो, ऋण की व्यवस्था हो, अनाज की खरीद हो, कॉपरेटिव सेक्टर की भागीदारी बहुत बड़ी है। हमारी सरकार ने इससे जुड़ा नया मंत्रालय भी बनाया है। उन्होंने अन्नदाता से ऊर्जादाता, मेढ़ से पेड़ जैसी अभिनव पहल पर भी प्रकाश डाला। श्री मोदी ने कहा कि खेती में होने वाला खर्च घटाते हुए देश को छोटे किसानों को आगे बढ़ाने में कार्पोरेट जगत एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाना, खेती का खर्च कम करना, बीज से बाजार तक किसानों को आधुनिक सुविधाएं देना, ये हमारी सरकार की प्राथमिकता है। बजट पर सार्थक चर्चा होने से हमारे कृषि प्रधान देश में यह बजट कृषि परिवर्तन, जीवन परिवर्तन, ग्राम जीवन परिवर्तन का एक बहुत बड़ा साधन बन सकता है।
शुभारंभ सत्र में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री तोमर ने पीएम-किसान की वर्षगांठ पर किसानों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ऐसी योजना दुनिया में कहीं भी नहीं है। किसानों को इससे बहुत लाभ हुआ है और सर्वत्र इसकी प्रशंसा हो रही है। श्री तोमर ने कहा कि विभिन्न विशेषज्ञों से विचार- विमर्श करके बजट का बेहतर क्रियान्वयन करने के लिए प्रधानमंत्रीजी ने विशेष पहल की है, जिसके सार्थक परिणाम आएंगे। श्री तोमर ने कहा कि सात साल में प्रधानमंत्री मोदी जी व सरकार की प्राथमिकता गांव-गरीब-किसान रहे हैं। भारतीय कृषि उन्नत हो, किसान फायदे में रहे, इस दिशा में प्रयत्न किए गए हैं। दस हजार नए एफपीओ बनाने की शुरूआत, ग्यारह हजार करोड़ रूपए का आयल पाम मिशन, आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत एक लाख करोड़ रू. के कृषि इंफ्रास्ट्रक्टर फंड सहित कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए डेढ़ लाख करोड़ रू. से ज्यादा के विशेष पैकेज, कृषि स्टार्टअप्स को सहायता जैसे अनेक कदम उठाए गए हैं, जिनका फायदा भी मिल रहा है। सरकार का मकसद है कि कृषि क्षेत्र की बुनियाद को मजबूत किया जाए और उस पर अच्छी इमारत खड़ी हो। कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की मेरूदंड है, जिसे ताकत देने की जिम्मेदारी हम सब की है।


कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि कोविड के दौरान भी हमारा कृषि क्षेत्र चलता और बढ़ता रहा, वहीं कृषि उपज के निर्यात में भी वृद्धि हुई है। कृषि क्षेत्र ने बार-बार अपनी प्रासंगिकता सिद्ध की है, जिसके लिए हमारे किसान भाई-बहन और वैज्ञानिक बधाई के पात्र है। प्रधानमंत्री श्री मोदी व सरकार का दृढ़ संकल्प है- किसानों की आय बढ़ाना, उन्हें बिचौलियों से मुक्ति दिलाना, टेक्नालाजी से जोड़ना, महंगी फसलों की ओर आकर्षित करना, प्रोसेसिंग की सुविधाएं देना, अच्छा बाजार उपलब्ध कराना, पारदर्शिता लाना। इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए इस बार के बजट में भी अनेक प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वेबिनार के माध्यम से आने वाले सुझाव कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने में बेहतर मदद कर सकेंगे।
वेबिनार में उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री पशुपति पारस, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी, सहकारिता राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा, सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री श्री एल. मुरूगन सहित अन्य मंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. राजीव कुमार व देश के कृषि संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों के अलावा विशेषज्ञ, किसान भाई-बहन आनलाइन जुड़े थे। संचालन कृषि सचिव श्री संजय अग्रवाल ने किया व बजट संबंधी प्रेजेन्टेशन दिया। इस महत्वपूर्ण वेबिनार में पांच सत्रों में दिनभर विस्तृत चर्चा हुई, ये विषय हैं- प्राकृतिक खेती व इसकी पहुंच, उभरता हुआ हाई-टेक व डिजिटल एग्री इकोसिस्टम, मिलेट्स के महत्व के मद्देनजर इसका उपयोग व्यापकता से करना, खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता बढ़ाना, सहकारिता से समृद्धि व कृषि-संबद्ध क्षेत्र में मूल्य श्रृंखला अवसंरचना में निवेश का वित्तपोषण।

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