पुलिस के जवान प्राणों की आहूति देकर हर चुनौती का बहादुरी से करते हैं सामनाः सुश्री उइके

समग्र समाचार सेवा
छत्तीसगढ़,22 अक्टूबर।

पुलिस के जवानों ने अपने प्राणों की आहूति देकर विपरीत परिस्थितियों में भी हर चुनौतियों का सामना भी बहादूरी से किया है। आज का दिन उन वीर जवानों की शौर्य गाथाओं को याद दिलाता है, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए सब कुछ न्यौछावर कर दिया। इस अवसर पर मैं उन वीर सपूतों को नमन करती हूं। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कही। वे आज चौथी वाहिनी सी.ए.एफ. माना रायपुर के प्रांगण में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपना संबोधन दे रही थी। उन्होंने कहा कि पुलिस का सूत्र वाक्य परित्राणाय साधुनाम है, गीता के इस वाक्य को पुलिस के वीर जवानों ने सार्थक सिद्ध किया है। ऐसे वीर सपूतों को जन्म देने वाले माता-पिता तथा उनके परिजनों को मैं प्रणाम करती हूं। इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने पुलिस के शहीद जवानों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों से भी मुलाकात कर ढांढस बंधाया।


राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा- पुलिस के जवानों ने अपने प्राणों की आहूति देकर हमें सुरक्षित किया है। अपने घरों में हम सुख की नींद ले पाते हैं क्योंकि हमारी पुलिस रात-रात भर जागकर पेट्रोलिंग करते हैं। मैंने कोविड काल में देखा कि कोरोना वायरस के खौफ के वातावरण के बावजूद हमारे पुरुष और महिला पुलिस के जवान मोर्चे पर तैनात थे। उनके कार्य के जज्बा को देखकर सबसे फोन में बात की, उनका हौसला बढ़ाया। ड्यूटी के समय कुछ जवान कोरोना संक्रमित भी हो गए और इस बीमारी के कारण कुछ जवानों ने अपने प्राणों की आहूति दे दी, परन्तु उनका हौसला नहीं टूटा और वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहे।

 

सुश्री उइके ने कहा- हमारा प्रदेश नक्सल समस्या से जूझ रहा है। इन क्षेत्रों में तैनात हमारे जवान बड़े ही सूझबूझ और साहस के साथ नक्सलियों का सामना करते हैं। सही मायने में उन क्षेत्रों में विकास की अलख जगाने के साथ-साथ वहां के भटके हुए लोगों को मुख्यधारा में जोड़ने का भी कार्य करते हैं। इन सब प्रयासों के चलते प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जागरूकता आई है और मुझे आशा है कि हमारा प्रदेश जल्द नक्सल समस्या से मुक्त होगा। विकास की रोशनी वहां तक पहुंच सके और वे देश की मुख्यधारा से जुड़ सकें, इसके लिए शासन द्वारा अनेक जनहितैषी योजनाएं एवं कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री तथा गृह एवं जेल विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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